लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि सबसे युवा पार्टी एकमात्र समाजवादी पार्टी है। यह जगविदित है कि किसी भी परिवर्तन की ताकत युवा पीढ़ी के पास होती है। स्वतंत्रता आंदोलन और आपातकाल के विरोध में नौजवानों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। अजीब विडम्बना है कि आज राष्ट्रवाद और राष्ट्रभक्ति की बात वे लोग कर रहे हैं जिनकी राष्ट्रीय स्वाधीनता आंदोलन में कोई भूमिका नहीं रही है। उन्होंने नौजवानों का आह्वान किया है कि लोकतंत्र और समाजवाद को बचाने का अवसर उन्हें सन् 2019 और 2022 में मिलने जा रहा है। इस अवसर को किसी भी कीमत पर नहीं खोना है।
श्री यादव यह बात पार्टी मुख्यालय में डाॅ0 लोहिया सभागार में नौजवानों को सम्बोधित करते हुए कही। इस अवसर पर विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन, पूर्व मंत्री राजेन्द्र चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, एसआरएस यादव तथा अरविन्द कुमार सिंह, सुनील सिंह साजन, आनन्द भदौरिया एवं डाॅ0 राजपाल कश्यप (एमएलसी) भी मौजूद थे।
नौजवान न घर के रहे न घाट के स्थिति में
अखिलेश यादव ने कहा कि पांच वर्ष आते-आते नौजवान भाजपा सरकार के हाथों ठगा-सा महसूस करने लगे हैं। नौजवान न घर के रहे न घाट के स्थिति में पहुँच गया है। भाजपा ने नौजवानों के भविष्य के साथ तो खिलवाड़ तो किया ही है साथ ही उनका भरोसा भी तोड़ दिया है। युवा पीढ़ी का अब कोई भविष्य नहीं बचा है। श्री यादव ने कहा कि शहरों, कस्बों और गांवों में बेरोजगारी और अर्द्ध बेरोजगारी के शिकार करोड़ो युवा हताशा में मारे-मारे फिर रहे हैं। उपलब्ध आंकड़ों से जानकारी मिली है कि 140 करोड़ भारत की जनसंख्या में आधी आबादी के पास करने को कुछ भी नहीं है। कितने ही नौजवानों ने कुंठा में आत्महत्या तक कर ली है।
लोकतंत्र को कमजोर करने और असहिष्णु राजनीति
श्री यादव ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है जिसमें युवा पीढ़ी के भविष्य की कोई संभावना नज़र नहीं आ रही है। आज युवा पीढ़ी जिस अंधेरे रास्ते पर चलने को मजबूर हुई है उसके लिए सत्ता प्रतिष्ठान सीधे-सीधे जिम्मेदार है। आधी आबादी के लिए कोई रचनात्मक अवसर नहीं रह गया है। भाजपा राज में युवा सबसे ज्यादा दमन और उत्पीड़न के शिकार हुए हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राज में लोकतंत्र को कमजोर करने और असहिष्णु राजनीति को बढ़ाने के लिए नफरत का जह़र फैलाया जा रहा है। जातीय वैमनस्य को बढ़ावा दिया जा रहा है। विविधता भारत की ताकत है उसे तोड़ने का कुचक्र किया जा रहा है।
2019 को परिवर्तन वर्ष में बदल कर
संकीर्णता की राजनीति से जनता ऊब चुकी है। युवा पीढ़ी आक्रोशित है। भाजपा ने अपना एक भी वादा नहीं निभाया है। अब समय आ गया है जब नौजवान करवट लेगा और साल 2019 को परिवर्तन वर्ष में बदल कर लखनऊ से दिल्ली तक नया मार्ग प्रशस्त करेगा।