Breaking News

आखिरी पलों में इरफान को सता रही थी छोटे बेटे की चिंता, पत्नी सुतापा के लिए जीने की जताई थी इच्छा

इरफान खान! वह कलाकार जिनका नाम लेते ही सबसे पहले उनकी आंखें याद आती हैं। वह जब पर्दे पर संवाद नहीं बोल रहे होते थे तो उनकी आंखें बोल रही होती थीं। अफसोस कि आज वह हमारे बीच नहीं हैं। कई शानदार फिल्मों में अभिनय का कमाल दिखाने वाले इरफान खान वर्ष 2020 में आज ही के दिन इस दुनिया को अलविदा कह गए। अपनी फिल्मों के जरिए वे आज भी अपने चाहने वालों के बीच जिंदा हैं।

इरफान खान को गए आज चार साल हो गए हैं। 29 अप्रैल 2020 को न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर नाम की खतरनाक बीमारी के चलते उनका निधन हो गया। अभिनेता अपने पीछे पत्नी सुतापा सिकदर और दो बेटों-बाबिल व अयान को छोड़ गए। इरफान खान आखिरी दम तक बीमारी से जूझे। मजबूती और साहस के साथ उन्होंने बुरे वक्त का सामना किया। वे जीना चाहते थे। अपनी पत्नी सुतापा की खातिर। किसी भी पिता की तरह उन्हें अपने बच्चों की चिंता सताती थी। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने चिंता जाहिर की थी।

निधन ने पहले एक इंटरव्यू के दौरान इरफान खान ने अपने इलाज के समय की बात करते हुए खुलासा किया था कि उन्होंने अपने बच्चों को किस तरह बढ़ते देखा। उन्होंने यह इच्छा भी जताई कि वे अपनी पत्नी सुतापा के लिए जीना चाहते हैं। वर्ष 2020 में मुंबई मिरर के साथ एक इंटरव्यू के दौरान इरफान खान ने अपने कैंसर के इलाज के दौरान सामने आईं कुछ सकारात्मक चीजों का खुलासा किया था। इस दौरान उन्होंने अपने बेटों का जिक्र करते हुए कहा था, ‘सबसे अच्छी बात यह है कि मेरे पास उन्हें बढ़ते देखने का भरपूर समय है’। उन्होंने उस वक्त को अपने छोटे बेटे के लिए महत्वपूर्ण बताया था , जो उस समय किशोर था। उन्होंने कहा था कि बड़ा बेटा बाबिल अब किशोर उम्र में नहीं है।

अपनी पत्नी सुतापा के बारे में इरफान ने कहा था कि उन्होंने हमेशा साथ निभाया है। अभिनेता ने कहा था, ‘सुतापा ने देखभाल करने में कभी कमी नहीं छोड़ी। अगर मुझे जीने का मौका मिलता है, तो मैं सुतापा के लिए जीना चाहता हूं’। अभिनेता ने आगे कहा था, ‘यह एक उतार-चढ़ाव वाला सफर रहा है। एक यादगार यात्रा, जिसमें खुशी के भी तमाम पल आए। वे परिवार के रूप में और करीब आए और गम-खुशी सब साझा की’।

इरफान खान के फिल्मी सफर की बात करें तो उन्होंने ‘सलाम बॉम्बे’ से डेब्यू किया था। ‘मकबूल’, ‘लंच बॉक्स’,’ पीकू’, ‘हैदर’, ‘हिंदी मीडियम’, ‘स्लमडॉग मिलेनियर’, ‘लाइफ ऑफ पाई’ सहित कई चर्चित फिल्मों का वे हिस्सा रहे। वर्ष 2011 में उन्हें प्रतिष्ठित पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया था।

About News Desk (P)

Check Also

बर्थडे स्पेशल: दिव्या खोसला का अभिनेत्री से निर्देशक बनने तक का सफ़र: जाने करियर की 7 खास बातें

बॉलीवुड में दिव्या खोसला का शानदार सफ़र भारतीय सिनेमा के स्तर को ऊपर उठाने के ...