लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. मसूद अहमद ने केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट पर टिप्पणी करते हुये कहा कि यह अंतरिम बजट लोकसभा चुनाव 2019 को ध्यान में रखकर लोकलुभावन स्वरूप में प्रस्तुत किया गया है। लेकिन इस बजट में देश के किसानों को धोखा देते हुए एक बार फिर से केन्द्र सरकार धोखा देने के आंकड़े पेश कर रही है।
लघु और सीमांत किसानों को ठगने की बात
उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश में किसान कर्जमाफी की योजना में किसानों को डेढ और दो रूपये के चेक देकर उनका उपहास उड़ने का प्रयास किया गया। बजट के अनुसार दो हेक्टेयर वालों किसानों के खातों में सालाना 6 हजार रूपये जाने की घोषणा करके एक बार फिर से लघु और सीमांत किसानों को ठगने की बात की जा रही है।
खेती-किसानी से जुड़े उपकरणों पर
डाॅ. अहमद ने कहा कि बजट में कही भी खाद और उर्वरक सस्ते करने का जिक्र नहीं है साथ ही साथ किसानों की सिचाई के लिए टयूबवेल का विद्युत मूल्य कम होने जैसी कोई घोषणा नहीं है। खेतों की जुताई में प्रयोग होने वाले ट्रेक्टर ,कृषि यंत्रों की खरीद में न्यूनतम ब्याज की घोषणा भी नहीं की गयी है।
पेंशन योजना की बात कहकर कर्मचारियों को लुभाने की कोशिश
सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना आसान बनाने की बात कहकर कर्मचारियों को लुभाने की कोशिश की जा रही है इसी प्रकार में महिलाओं के लिए कोई विशेष घोषणा नहीं है। स्वास्थ्य के सन्दर्भ में केवल बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की बात कहकर पल्ला झाड लिया गया है,जबकि केन्द्र सरकार के सम्पूर्ण कार्यकाल में स्वास्थ्य सेवाओं का रिपोर्ट कार्ड प्रत्येक दृष्टि से फिसड्डी है।
रेलगाड़ियां सुरक्षा सम्बन्धी मानकों पर खरी नहीं
बजट में आवागमन के मुख्य साधन रेलवे में सुरक्षा सम्बन्धी गारण्टी को कोई जगह नहीं दी गयी है। बीजेपी की केंद्र सरकार ने चार वर्ष पूर्व देशवासियों को बुलेट ट्रेन का सपना दिखाया था। परिणाम यह रहा कि देश में चलने वाली रेलगाड़ियां सुरक्षा सम्बन्धी मानकों पर ही खरी नहीं उतर रही हैं।
योजनाओं की सफलता के प्रति संदेह
रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा,देश की जनता केन्द्र की भाजपा सरकार की कार्य कुशलता भली प्रकार देख चुकी है और किसी भी क्षेत्र में जनता की दृष्टि से यह सरकार जनहित कार्य नहीं कर रही है। सरकार की आर्थिक नीतियां प्रत्येक मोर्चे पर विपल रही है इसलिए भविष्य में योजनाओं की सफलता के प्रति संदेह है।