मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव और मराठा आरक्षण को लेकर खूब राजनीति हो रही है। पूर्व राज्यसभा सांसद संभाजी छत्रपति का कहना है कि आज की कैबिनेट बैठक में मराठा आरक्षण की मांग पर राज्य सरकार को फैसला करना चाहिए।
छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज पूर्व सांसद जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में पत्रकारों से बात कर रहे थे, जहां उन्होंने कार्यकर्ता मनोज जरांगे से मुलाकात की। जरांगे मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 16 सितंबर की मध्यरात्रि से छठी बार भूख हड़ताल पर बैठे हैं। इसी दौरान वर्ष 2022 में ‘स्वराज्य’ संगठन का गठन करने वाले मराठा शाही ने सोमवार को कहा कि विपक्षी दलों को राज्य सरकार से सवाल करना चाहिए कि वह आरक्षण कैसे देगी।
क्या है मामला?
इस साल फरवरी में, महाराष्ट्र विधानमंडल ने शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला एक विधेयक पारित किया था। लेकिन जरांगे मराठाओं को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में शामिल करने पर जोर दे रहे हैं। कार्यकर्ता सभी कुनबी (कृषकों) और उनके सेग सोयरे (रक्त संबंधियों) को मराठा के रूप में मान्यता देने के लिए ओबीसी प्रमाण पत्र की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं।
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संभाजी छत्रपति ने कहा, ‘आज कैबिनेट की बैठक है और फैसला लिया जाना चाहिए। हां या ना (जरांगे की आरक्षण मांगों के बारे में) सूचित किया जाना चाहिए।’
जरांगे के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर नहीं सरकार
पूर्व सांसद ने कहा, ‘मैं सरकार को बताना चाहता हूं कि शाहू महाराज द्वारा पहले दिए गए आरक्षण में मराठा समुदाय को शामिल किया गया था। अगर सरकार जरांगे के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर नहीं है तो उनके सत्ता में रहने का क्या फायदा है। उनकी मेडिकल रिपोर्ट खराब है।’
उन्होंने कहा, ‘अगर कुछ भी गलत होता है तो आप (सरकार) इसके लिए जिम्मेदार होंगे। विपक्ष और सत्तारूढ़ दलों को साथ आना चाहिए और बताना चाहिए कि वे आरक्षण दे सकते हैं या नहीं। ऐसा लगता है कि जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वे मनोज जरांगे, मराठा या बहुजन समुदाय को नहीं चाहते हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’