आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में हाईकोर्ट की खंडपीठ बनाए जाने को लेकर 24 साल पहले अधवक्ताओं ने प्रदर्शन किया था। उस समय लाठी चार्च हुआ था। उसे विरोध में इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाते हैं। अधिवक्ताओं ने बताया कि वर्ष 1966 से अधिवक्ता जस्टिस जसवंत सिंह आयोग की रिपोर्ट के अनुसार हाईकोर्ट की खंडपीठ स्थापित कराए जाने की मांग को लेकर आंदोलन करते चले आ रहे हैं।
26 सितंबर 2001 को सिविल कोर्ट परिसर आगरा में बिना जिला जज की अनुमति के परिसर में घुसकर निहत्थे अधिवक्ताओं के ऊपर पुलिस द्वारा बर्बर लाठी चार्ज किया गया। इसमें सैकड़ों की संख्या में अधिवक्ता घायल हुए थे। जनमंच के अध्यक्ष चौधरी अजय सिंह ने बताया कि 23 सालों से अधिवक्ता इस दिन को काला दिवस मनाकर विरोध प्रदर्शन करते हैं।
बृहस्पतिवार को लाठी चार्ज के विरोध में सरकार की अर्थी बनाकर सिविल कोर्ट परिसर आगरा में जुलूस निकाला। राम नाम सत्य है, वी वान्ट हाईकोर्ट, अधिवक्ता एकता जिंदाबाद जैसे नारे लगाते हुए आगे बढ़े। सांकेतिक अर्थी दहन के लिए गेट नं-1 पर पहुंचे। यहां पहले से मौजूद पुलिस बल ने अर्थी जलाने से मना किया। इसको लेकर पुलिसकर्मी और अधिवक्ताओं में खींचतान भी हुई।