लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय के प्रो बोनो क्लब द्वारा सीएमएस गोमतीनगर में पोक्सो अधिनियम 2012 पर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला संकाय समन्वयक डॉ आलोक कुमार यादव के मार्गदर्शन में संपन्न हुई। कार्यशाला का संचालन डॉ सुधीर वर्मा द्वारा किया गया।
विधि संकाय के विभागाध्यक्ष और डीन प्रोफेसर बीडी सिंह ने कहा कि समय-समय पर ऐसे आयोजन विभाग द्वारा आयोजित किया जाता है। कार्यक्रम के दौरान प्रो बोनो क्लब के सदस्यों कशिश, कोमल, अमन, सार्थक और पार्थ ने पोक्सो अधिनियम के विभिन्न कानूनी और संवैधानिक पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।
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कशिश ने अधिनियम की पृष्ठभूमि और इसके उद्देश्य पर प्रकाश डाला और गुड टच और बैड टच के बारे में बताया, जबकि कोमल ने बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों से संबंधित प्रावधानों की जानकारी दी। अमन और सार्थक ने पोक्सो अधिनियम के तहत आने वाले अपराधों और उनकी सजा के प्रावधानों पर अपनी राय दी। पार्थ ने इस अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन से संबंधित चुनौतियों और न्यायालय के महत्वपूर्ण फैसलों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में छात्र समन्वयक सुमित सिंह और वंशिका गौड़ भी उपस्थित रहे, जिन्होंने कार्यशाला के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों को पोक्सो अधिनियम के कानूनी प्रावधानों के प्रति जागरूक करना और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समाज में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करना था। सिटी मोंटेसोसिनरी स्कूल की प्रिंसिपल कनिका कपूर ने प्रो बोनो क्लब की इस महुत्वपूर्ण कार्यशाला को संचालन कराने के लिए क्लब का धन्यवाद दिया।
प्रोफेसर बीडी सिंह ने कार्यशाला के समापन पर सभी छात्रों की सराहना करते हुए कहा कि “इस प्रकार की चर्चाएं छात्रों को कानूनी ज्ञान के साथ-साथ समाज में अपनी जिम्मेदारियों को समझने में भी मदद करती हैं।”