लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित अग्रवाल (Rohit Agarwal) ने प्रदेश के व्यापारियों की समस्याओं को लेकर सूबे के मुख्यमंत्री को लिखा पत्र। उन्होंने पत्र में व्यापारियों की पीड़ा को बयां करते हुए कहा है प्रायः देखा गया है कि छोटे व्यापारियों को अपना व्यवसाय पहले साल में ही बंद करना पड़ता है और कुछ व्यापारी पूंजी के अभाव में 2 साल से अधिक अपना व्यवसाय नहीं चला पाते और उन्हें अपना व्यवसाय बंद करना पड़ता है। यह बहुत ही दुखद सच है।
अर्थव्यवस्था के लिए एक अनिवार्यता है और पूरी अर्थव्यवस्था व्यवहारिक रूप से जीएसटी की सफलता पर निर्भर है लेकिन इस समय जीएसटी के सम्बन्ध में जो स्थिति चल रही है उससे प्रदेश में व्यापारी वर्ग की स्थिति असहनीय हो गई है और उनकी परेशानियां अब बढती जा रही है। जीएसटी अधिकारियों द्वारा भी असमय व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है।
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उन्होंने यह भी कहा कि व्यापारी बिना कोई वेतन, बिना कोई कमीशन बगैर पेंशन लिए रात दिन सरकारी खजाना भरने का कार्य कर रहा है। व्यापारियों के खाते अधिकारियों द्वारा बिना किसी नोटिस के बंद कर दिये जा रहे हैं जिससे नवरात्रि पूजन, दशहरा, दीपावली तथा छठ पर्व के समय होने वाली आय से उन्हें वंचित होना पडे़गा और उनके परिवार को भयंकर आर्थिक चोट पहुंचेगी।
अधिकारी और कर्मचारी छोटी छोटी बातों पर व्यापारियों का दोहन और उत्पीड़न करने के लिए तत्पर रहते हैं। लाखों की संख्या में छोटे दुकानदार-पटरी दुकानदार अपनी रोजी रोटी के लिए दर दर भटकते हैं। छोटी पूंजी के चलते उनको कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
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श्री अग्रवाल ने पत्र में अनुरोध किया है कि प्रदेश के व्यापारियों के खाते बंद न किये जाए और उनसे वार्ता करके उनका समाधान निकाला जाए तथा अन्य समस्याओं के निदान के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी करने की कृपा करें, जिससे व्यापारियों तथा उपभोक्ताओं को इन महत्वपूर्ण त्योहारों के समय कोई कठिनाई न हो और परिवार खुशियों और उमंग के साथ त्यौहार मनाएं।