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पहली बार किसी जैन संत को विहिप में मिला स्थान

विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय संत मार्गदर्शक मंडल में पहली बार किसी संत को स्थान मिला। महामना आचार्य सम्राट कुशाग्रनंदी जी महाराज के आत्मीय शिष्य ऊर्जा गुरु अरिहंत ऋषि को विहिप में शामिल किया गया। इसकी घोषणा प्रान्त संगठन मंत्री ब्रज किशोर भार्गव ने की। इस दौरान विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चम्पत राय भी मौजूद रहे। ऊर्जा गुरु के संगठन से जुड़ने पर उन्होंने ख़ुशी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा की उम्मीद है इससे संगठन को एक नयी ऊर्जा मिलेगी l

गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दो रिकार्ड दर्ज

उल्लेखनीय है मोटिवेशनल स्पीकर ऊर्जा गुरु कई ऐसे कार्य कर चुके है जो पहले इतिहास में दर्ज नहीं थे l ऊर्जा गुरु के नाम पर गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दो रिकार्ड दर्ज हैं। इसके साथ ही अरिहंत ऋषि जी गोल्डन बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में भी एक बार अपना नाम दर्ज करवा चुके हैं।

मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में ऊर्जा गुरु की पहुंच लाखों युवाओं तक

विहिप का मुख्य उद्देश्य धर्म की स्थापना, धर्म का प्रचार-प्रसार, सामजिक समरसता, धर्म की रक्षा और संस्कृति का संवर्धन है l ऊर्जा गुरु अरिहंत ऋषि का विहिप से जुड़ने से युवा वर्ग भी विहिप के प्रति आकर्षित होगी l एक मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में ऊर्जा गुरु की पहुंच लगभग लाखों युवाओं तक है। विहिप के संग अरिहंत ऋषि का जुड़ना सर्वधर्म समभाव की भावना को भी बढ़ावा देता हैl

धर्म भी विज्ञान से अलग नहीं

ऊर्जा गुरु का मानना है की धर्म भी विज्ञान से अलग नहीं होता है। इसी उद्देश्य की प्रतिपूर्ति के लिए उन्होंने युवाओं को धर्म के साथ-साथ विज्ञान से जोड़ने की अद्भुत पहल की है। यही वजह है कि लाखों युवाओं तक उनकी पहुंच है और लगातार इस संख्या में बढ़ोत्तरी होती जा रही है।

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