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‘जिंदगी हर घड़ी एक नई जंग है’ की शूटिंग कर रहे थे सुभाष घई, तभी हो गया पिता का निधन, साझा की याद

निर्माता निर्देशक सुभाष घई (Subhash Ghai) ने अपने गाने ‘जिंदगी हर घड़ी एक नई जंग है’ की शूटिंग की याद साझा की है। सुभाष घई ने इंडियन आइडल शो में पहुंचे। इस शो में उन्होंने अपने दिल की एक याद साझा की। जिसे सुनकर वहां मौजूद सभी लोग भावुक हो गए। सुभाष घई ने बताया कि एक गाने की पंक्तियां किस तरह उनके जीवन के लिए सही साबित हुईं।

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'जिंदगी हर घड़ी एक नई जंग है' की शूटिंग कर रहे थे सुभाष घई, तभी हो गया पिता का निधन, साझा की याद
साझा की ‘जिंदगी हर घड़ी एक नई जंग है’ की याद

शो के दौरान सुभाष घई ने बताया कि वे इस गाने की शूटिंग कर रहे हैं। शूटिंग के दौरान सुभाष घई ने कहा कि इस दौरान उन्हें पता चला कि उनके पिता की तबियत खराब है, हमें जाना होगा। वे अस्पताल पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उनके पिता का निधन हो गया है। उस दौरान वे ‘जिंदगी हर घड़ी एक नई जंग है’ गाने की शूटिंग कर रहे थे। सुभाष घई ने इतना होने के बाद भी शूटिंग नहीं रोकी। वे अगले दिन इसी गाने की शूटिंग के लिए फिर से सेट पर पहुंच गए।

इफ्फी में दिखाई गई सुभाष घई की फिल्म

सुभाष घई की ‘गांधी एक विचार’ हाल ही में इफ्फी गोवा के 55 वें संस्करण में दिखाई गई है। इसे लेकर वे काफी खुश हैं। 30 मिनट की डाक्यूमेंट्री को लेकर खुद सुभाष घई ने कुछ बातें साझा की थीं। उन्होंने बताया कि इस फिल्म में उन्होंने गांधी के व्यक्तित्व के सभी पहलुओं को दिखाने की कोशिश की है। दुनिया में युद्ध और संघर्ष अक्सर दृष्टिकोण से बदलता है। मेरी शॉर्ट फिल्म गांधी केवल एक कहानी नहीं है बल्कि कई तरह के दृष्टिकोण की खोज है।

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सुभाष घई ने कही मनोज बाजपेयी के लिए बात

सुभाष घई ने कहा, फिल्म निर्माण पूरी तरह से समाज के नजरिए पर आधारित है। सुभाष घई ने बताया कि मनोज बाजपेयी ने गांधी फिल्म में काम के लिए एक भी रुपये नहीं लिए हैं। वह चाहते हैं कि देश की युवा पीढ़ी गांधी को समझे।

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