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8 साल की सहर अम्मी से पूछ रही ये सवाल; जिंदगीभर का दर्द दे गया पांच मिनट का बवाल

संभल की जामा मस्जिद के पास हुए बवाल में जो कुछ हुआ उसे खबरों व सोशल मीडिया के जरिये सबने देखा। अब इस बवाल के बाद जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, उनका दर्द देख पाना किसी के लिए आसान नहीं है। घंटों चले बवाल के दाैरान हुई पांच मिनट की गोलीबारी पांच परिवारों को जिंदगीभर का दर्द दे गई।

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तमाम तरह के आरोपों के बीच एक पहलू यह भी है कि किसी बूढ़ी मां को अपने बेटे व किसी मासूम को अपने पिता का इंतजार है। बदहवास परिजन दरवाजे की ओर दौड़े जा रहे हैं कि हमारा अपना अब आता ही होगा। पड़ोसी, रिश्तेदार उन्हें दिलासा दे रहे हैं, लेकिन रो-रोकर पथराई आंखें अब भी यह मानने को तैयार नहीं कि उनका इंतजार कभी खत्म नहीं होगा।

8 साल की सहर अम्मी से पूछ रही ये सवाल; जिंदगीभर का दर्द दे गया पांच मिनट का बवाल
सोशल मीडिया पर वायरल होता रहा कैफ का फोटो नहीं पहचान पाए परिजन

मोहल्ला तुर्तीपुरा निवासी मो. कैफ (17) का मरणासन्न अवस्था में एक फोटो रविवार को सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। इसमें टी-शर्ट व जींस पहने एक लंबा सा युवक पत्थरों के बीच जमीन पर मृत पड़ा है। उसकी टी-शर्ट पर सीने के पास खून के धब्बे हैं, लेकिन चेहरा स्पष्ट नहीं दिख रहा है। बवाल के बाद यह फोटो सोशल मीडिया के जरिये कैफ के परिजनों के पास भी पहुंचा, लेकिन वह पहचान नहीं पाए कि यह हमारा ही बच्चा है।

परिजनों के मुताबिक सुबह 8:30 बजे कैफ प्लास्टिक के आइटम लेकर फेरी लगाने निकला था। शाम को उसके चचेरे भाई फरदीन के पास फोन आया कि गोली लगने से कैफ की मौत हो गई है। पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गई है। कैफ के मामा वसीम ने बताया कि देर रात कैफ का शव घर पहुंचा और थोड़ी दार बाद ही सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। वह अपने चार भाइयों में तीसरे नंबर का था। परिजनों के मुताबिक उसकी मां लंबे समय से बीमार हैं, अब जवान बेटे की मौत का उन्हें गहरा सदमा लगा है।

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बुलेट पर आ जाओ मेरे लाल… आवाज लगाकर दौड़ पड़ती हैं नईम की मां

जामा मस्जिद से महज 500 मीटर दूर मोहल्ला कोट गर्वी के तबेला इलाके में नईम (35) का घर है। रविवार को बवाल के बीच गोली लगने से उनकी मौत हो गई थी। देर रात दफन भी हो चुका है, लेकिन रो-रोकर उनकी मां बदहवास हो गई हैं। वह अपना नाम तक नहीं बता पा रही हैं। हर पांच मिनट बाद बेटे को आवाज लगाते हुए दरवाजे की ओर दौड़ पड़ती हैं। कहती हैं ‘मेरे लाल… बुलेट पर आ जाओ।

तुझे गए पूरे 24 घंटे हो गए हैं। मेरे बच्चे, तूने रोटी भी नहीं खाई है।’ परिजनों के मुताबिक नईम अपने घर से रोज की तरह अपनी मिठाई की दुकान पर गए थे, फिर शव वापस आया। बदहवास मां कहती हैं कि यह कैसा कारोबार हो गया बेटे, तूने अब तक दुकान बंद नहीं की। मृतक के भाई तसलीम ने बताया कि नईम के तीन बच्चे हैं, जिनमें दो बेटे व एक बेटी है। तीनों की उम्र आठ साल से कम है।

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