अपनी सुखद जलवायु, समृद्ध विरासत और आश्चर्यजनक समुद्र तट के लिए जाना जाने वाला ओडिशा सर्दियों में त्योहारों और आयोजन की एक शृंखला के साथ जीवंत हो उठता है। इस दौरान राज्य के अद्वितीय आकर्षण का प्रदर्शन किया जाता है। इस कड़ी में इस वर्ष 1 से 5 दिसंबर तक बहुप्रतीक्षित कोणार्क महोत्सव और अंतरराष्ट्रीय रेत कला महोत्सव का आयोजन होना है। यह आगंतुकों को एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करता है।
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कोणार्क महोत्सव: कला और विरासत का उत्सव
कोणार्क महोत्सव, हर साल ओडिशा के पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित किया जाता है। यह भारत के शास्त्रीय नृत्य के विभिन्न रूपों को सम्मान देने का एक प्रमुख कार्यक्रम है। यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल 13वीं शताब्दी के कोणार्क के सूर्य मंदिर की लुभावनी पृष्ठभूमि में आयोजित, यह पांच दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव देश भर के कलाकारों मंच प्रदान करते हुए राज्य की गहरी जड़ों वाली कलात्मक परंपराओं को उजागर करता है।
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इस आयोजन के दौरान ओडिसी, भरतनाट्यम, कथक, कुचिपुड़ी, मणिपुरी, मोहिनीअट्टम शास्त्रीय नृत्य रूपों जैसे मंत्रमुग्ध कर देने प्रदर्शन होंगे। इनमें से हर एक प्रस्तुति भक्ति, प्रेम और पौराणिक कथाओं की कालातीत कहानियां कहती है। इस दौरान नरम सुनहरी रोशनी से जगमगाता खुला मंच, एक अलौकिक आकर्षण जोड़ेगा। इस बार कोणार्क महोत्सव का 35वें संस्करण का आयोजन हो रहा है और इसमें न केवल भारत भर से बल्कि अमेरिका से भी असाधारण कलाकार शामिल होंगे।