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प्रौद्योगिकी राष्ट्रवाद को दिल से अपनाना ही होगा- प्रो विनय

प्रौद्योगिकी राष्ट्रवाद को दिल से अपनाना ही होगा- प्रो विनय

मुरादाबाद। सीएसजेएमयू कानपुर के वाइस चांसलर प्रो विनय कुमार पाठक ने बतौर मुख्य अतिथि कहा, वैश्विक पटल पर मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी में चीन 17 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ अव्वल है, जबकि भारत की हिस्सेदारी महज 3 प्रतिशत है। इसका मुख्य कारण है, भारत असेम्बलिंग पर ध्यान देता है। चीन की इस हिस्सेदारी में प्रौद्योगिकी राष्ट्रवाद की बड़ी भूमिका है। भारत को प्रौद्योगिकी राष्ट्रवाद को दिल से ही अपनाना होगा। डिग्री की अपेक्षा नए आइडिया का महत्व अधिक है।

ताइवान का उदाहरण देते हुए बोले, ताइवान की कुल 28 यूनिवर्सिटीज़ सेमीकंडक्टर्स का उत्पाद कर रही हैं। यूनिवर्सिटीज़ को स्टुडेंट्स के आइडियाज़ को महत्व देना होगा। वैश्विक दौड़ में बने रहने के लिए समय के साथ बदलती हुई तकनीक से हमें अपडेट रहना होगा। अटल जी की कविता आओ फिर से दिया जलाएं को कोट करते हुए बोले, भारत के युवाओं को ट्रांसलेशनल रिसर्च और प्रोडक्ट को अपनाकर ही फिर से विश्व गुरू बनना होगा।

प्रौद्योगिकी राष्ट्रवाद को दिल से अपनाना ही होगा- प्रो विनय

प्रो विनय बोले, बिना प्रोडक्ट के कोई भी देश नंबर वन नहीं हो सकता।यूनिवर्सिटीज़ को पेटेंट फाइलिंग और स्टार्टअप्स पर विशेष फोकस करने की दरकार है। प्रो पाठक तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ कंप्यूटिंग साइंसेज़ एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी-सीसीएसआईटी की सिस्टम मॉडलिंग एंड एडवांसमेंट इन रिसर्च ट्रेंड्स-स्मार्ट-2024 पर दो दिनी 13वीं इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के समापन सत्र में बोल रहे थे।

इससे पूर्व प्रो विनय कुमार पाठक ने बतौर मुख्य अतिथि दीप प्रज्ज्वलित करके ऑडी में वेलिडेक्ट्री सेशन का शुभारम्भ किया। आईआईटी कानपुर के सलाहकार-2 प्रो जे रामकुमार गेस्ट ऑफ ऑनर, वीसी प्रो वीके जैन, जीजीएसआईपीयू, दिल्ली के डॉ संजय के मलिक, कॉन्फ्रेंस जनरल चेयर एवं टीएमयू के फ़ैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग के डीन प्रो आरके द्विवेदी, सीसीएसआईटी के वाइस प्रिंसिपल एवम् कॉन्फ्रेंस चेयर प्रो अशेन्द्र कुमार सक्सेना आदि की उल्लेखनीय मौजूदगी रही।

कॉन्फ्रेंस के कुल 20 तकनीकी सत्रों के 12 ट्रैक में देश-विदेश के शोधार्थियों ने कुल 153 रिसर्च पेपर्स प्रेजेंट किए। दूसरी ओर कल्चरल संध्या में सीसीएसआईटी के छात्रों ने कॉलेज लाइफ, हॉरर डांस, स्टेट डांस, रामायण डांस, मंगलाचरण, सिंगिंग आदि की प्रस्तुति देकर मेहमानों और अपनों का दिल जीत लिया।

स्मार्ट कॉन्फ्रेंस में सीएसजेएमयू कानपुर के वाइस चांसलर प्रो विनय कुमार पाठक को एकेडमिक एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा गया। फोर्ड मोटर्स, यूएसए के डेटा इंजीनियर डॉ भुवनेश सिंह को वर्चुअली बेस्ट पीएचडी थिसिस अवार्ड में अव्वल रहे। टीएमयू के डॉ नूपा राम चौहान और तुलाज इंस्टिट्यूट के डॉ त्रिपुरेश जोशी को संयुक्त रूप से द्वितीय, जबकि एफओई की डॉ अलका वर्मा तीसरे स्थान पर रहीं।

बेस्ट पोस्टर अवार्ड में मोo हमजा प्रथम, यशवीर यादव द्वितीय और जतिन चौधरी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। बेस्ट प्रोजेक्ट अवार्ड में आर्यन जैन अव्वल रहे, जबकि प्रशांत एंड टीम सेकेंड और प्रशांत जोशी थर्ड स्थान पर रहे। यूपी के संग-संग उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एंड कश्मीर, कर्नाटक समेत कुल 16 राज्यों के शोधार्थियों ने भी शिरकत की।

कॉन्फ्रेंस के दौरान आईईईई यूपी सेक्शन के प्राधिकारीगण-आईआईटी, कानपुर के सेक्शन चेयर प्रो योगेश एस चौहान, एमएनएनआईटी, इलाहाबाद के अवार्ड्स एंड रिकग्निशन प्रो आशीष कुमार सिंह, आईआईटी बीएचयू वाराणसी के सचिव डॉ राजीव कुमार सिंह, एमएमएमयूटी गोरखपुर के डॉ प्रभाकर तिवारी, आईआईआईटी इलाहाबाद के इमिडिएट पास्ट चेयर डॉ सतीश केo सिंह और बीटीकेआईटी द्वारहाट के संयुक्त सचिव वरुण कुमार कक्कड़ विशिष्ट अतिथि ब्लेंडेड मोड में मौजूद रहे। संचालन फैकल्टीज़ डॉ सोनिया जयंत, डॉ शालिनी निनोरिया और डॉ इंदु त्रिपाठी ने किया।

भारत के संग-संग सऊदी अरब, यूएसए, यूएई, नाइजीरिया, श्रीलंका, नॉर्थ अमेरिका, ओमान समेत कुल 8 देशों के आईटी विशेषज्ञ ने डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग, सूचना सुरक्षा एवं इंजीनियरिंग, उभरती हुई प्रौद्योगिकियां, आईओटी और वायरलेस संचार, ब्लॉक चेन प्रौद्योगिकी, उद्योग 4.0, शिक्षा 4.0, सिस्टम मॉडलिंग और डिज़ाइन क्रिर्यान्वयन उपकरण, सर्किट, सामग्री और प्रसंस्करण, संचार और नेटवर्क प्रसारण, शासन, जोखिम और अनुपालन, रोबोटिक्स नियंत्रण इंस्ट्रूमेंटेशन और स्वचालन, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी जैसे कुल 12 विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत किए।

आईएमएस में “मैनेजर्स के लिए माइंड पावर” पर विशेष व्याख्यान का आयोजन

तकनीकी सत्र के संग-संग स्मार्ट कॉन्फ्रेंस में वीएसटी यूनिवर्सिटी, रूस के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ डेनिला पैरिगिन, मेटा, यूएसए के सॉफ्टवेयर इंजीनियर सौरभ कंसल, अमेज़न के सॉफ्टवेयर डवलपमेंट इंजीनियर-2 स्पर्श जैन, आरडब्ल्यूटीएच आचेन यूनिवर्सिटी, जर्मनी के आईएसीएम रिसर्च एसोसिएट फेलो डॉ सत्यवीर सिंह, अमेज़न वेब सर्विसेज, बेलेव्यू, वाशिंगटन, यूएस के सॉफ्टवेयर डवलपमेंट इंजीनियर मिलव कुमार शाह, किचनर ओंटारियो, कनाडा की डाटा इंजीनियर डॉ निहारिका, माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफाइड प्रोफेशनल और एसक्यूएल के डवलपर नीरज द्विवेदी, एमएनआईटी जयपुर के निदेशक प्रो एनपी पाधी, एसएमवीडीयू, कटरा के डॉ मनोज कुमार गुप्ता, यूएसएसी, उत्तराखंड के वैज्ञानिक प्रो. प्रियदर्शी उपाध्याय, जीजीएसआईपीयू, आरईसी बिजनौर के निदेशक डॉ नीलेंद्र बादल, एनआईएआईडी, सीआरएमएस के वरिष्ठ डेटाबेस डवलपर पंकज द्विवेदी, आरईसी, बांदा के डॉ विभाष यादव, ओरेकल सॉफ्टवेयर डवलपमेंट के निदेशक प्रवीण केआर इलमुरुगन और जेएनयू, नई दिल्ली के डॉ करण सिंह आदि की ब्लेंडेड मोड में गरिमामयी मौजूदगी रही।

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