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बिधूना में मंत्री जी की 22वीं पुण्यतिथि पर आयोजित हुआ अखिल भारतीय कवि सम्मेलन

मुगलों की अभिमानी घुड़की पल में पुकार हो जाती थी, जब तक वह अल्लाह कहते थे तलवार पर हो जाती थी – अंजाम

बिधूना/औरैया। पूर्व विधायक गजेंद्र सिंह मंत्री जी की 22वीं पुण्यतिथि पर कस्बा के श्री गजेंद्र सिंह पब्लिक इंटर कालेज में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। कवि सम्मेलन सुनने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचे। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय की प्रबंधिका एवं भाजपा नेत्री मंजू सिंह ने किया। कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से देश की मौजूदा स्थिति, भ्रष्टाचार व आतंकवाद आदि पर जमकर व्यंग सुनाए। श्रृंगार, ओज, हास्य और व्यंग्य के रंगों से सजी इस रात ने हर दिल को छू लिया।

कस्बा बिधूना में मंगलवार की रात्रि आयोजित हुए कवि सम्मेलन का आगाज कार्यक्रम संयोजिका मंजू सिंह पूर्व सदस्य जिला पंचायत ने मां सरस्वती, एवं मंत्री जी के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ किया। यह कार्यक्रम रात्रि 3:00 बजे तक जारी रहा। जिसमें साहित्य प्रेमियों ने देश के शानदार कलमकारों को देर रात तक सुना।

राजस्थान से आए कवि विनीत चौहान ने वीर रस की अपनी रचनाओं से पांडाल में आग लगा दीं। उनकी कविता “गिनती पूरी कौन करेगा इन पागल शिशुपालों की, कौन शीश बढ़कर कटेगा शकुनि वाली चालों की” ने सर्दी के मौसम में सुबह के तीन बजे लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

गीतकार गजेंद्र प्रियांशु ने अपने प्रेम के गीतों से माहौल को मोह लिया और उनकी कविता “जीवन कई रंग में रंगा रंगों के व्यापार में, रात-रात भर तुमको गाया सुबह छपे अखबार में” खूब सराही गई। हास्य कवि अनिल चौबे की रचना “इसी कल्पवृक्ष के नीचे बैठकर सारे दल छहाते हैं, देश में राष्ट्रीय एकता है पक्ष विपक्ष मिलकर खाते हैं” ने लोगों को खूब हंसाया।

गौरी मिश्रा ने अपने सुरों से रात की शोभा बढ़ते हुए भगवान राम पर “हरने को संताप स्वयं श्री राम आए हैं, हमारे राम आए हैं हमारे राम आए हैं” शानदार गीत गाया। लटूरी लट्ठ ने संचालन में अपनी कुशलता से दर्शकों को आनंदित किया। और सोशल मीडिया पर उनके व्यंग्य “मन का मोती मन मथने को मन के मंदिर में मापा था, जब भेद खुला तो पता चला ससुरा चिंटू का पापा था” ने लोगों को खूब गुदगुदाया।

रामबाबू सिकरवार ने पैरोडी की लाईनों “सभी भ्रष्टों को भिजवाओ तिहाड़, दिलवा के सजा लोकपाल से” के द्वारा देश के भ्रष्टाचार पर जुबानी बाण चलाया। इसके बाद भगवान राम के भौतिक प्रमाण देने वाली कविता से जग प्रसिद्धि प्राप्त करने वाले इटावा की शान डॉ कमलेश शर्मा ने अपनी लाइनों “जहां लोग अन्याय पर मौन रहते हैं, वहां पर हमारी कलम बोलती है” से कलम की ताकत बताई। लखनऊ से आए ओज के कवि अभय निर्भीक की “आजादी के दीवानों का सपना अब साकार करो, जिनको भारत में रहना है भारत की जयकार करो” कविता को खूब तालियां मिली।

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शौर्य से परिपूर्ण अजय अंजाम की ‘चेतक’ बाली रचना ने देशभक्ति और जोश का संचार किया। उनकी चेतक की वीरता पर पढ़ी गई कविता “मुगलों की अभिमानी घुड़की पल में पुकार हो जाती थी, जब तक वह अल्लाह कहते थे तलवार पर हो जाती थी” ने लोगों को सर्दी में भी गर्मी का एहसास करा दिया। इस कवि सम्मेलन ने सभी को एक नई सृजनात्मक ऊर्जा से भर दिया और साहित्य के प्रति प्रेम को और भी प्रगाढ़ किया।

कार्यक्रम संयोजिका मंजू सिंह ने सभी कवियों और अतिथियों को शाल ओढ़ा कर एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान शिव प्रताप सिंह, पूर्व मंत्री लाखन सिंह राजपूत, शरद राना ब्लॉक प्रमुख अछल्दा, आदर्श ठाकुर ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि बिधूना, पूर्व विधायक अरविंद सिंह, राघव मिश्रा चेयरमैन दिबियापुर, व्योमेश सिंह सेंगर, विनीत सिंह, नितिन अवस्थी, राहुल शुक्ला, मनोज शुक्ला, रिशु बाजपेई, गोविंद प्रताप सिंह, मोनू भदौरिया, हेमंत प्रताप सिंह, श्रेयांश प्रताप सिंह आदि लोग मौजूद रहे।

रिपोर्ट – संदीप राठौर चुनमुन 

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