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हां, मैंने सरोजनी नगर के कपड़ों से बनाया अपना फैशन, ये तो दिल को अच्छा लगने वाली बात है

पर्यावरण सुरक्षा को लेकर शुरू से मुखर रहीं अभिनेत्री भूमि पेडनेकर फैशन के जरिये भी समाज को मुखर बनाने का दम भरती रही हैं। वह मानती हैं कि एक महिला अपने तौर तरीकों, खुद को समाज में प्रस्तुत करने के ढंग और अपने लिबास से परिवर्तन की प्रहरी बन सकती है। इस बार की चार बातें अभिनेत्री भूमि पेडनेकर से..

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हां, मैंने सरोजनी नगर के कपड़ों से बनाया अपना फैशन, ये तो दिल को अच्छा लगने वाली बात है
भूमि का ये स्पष्ट मानना रहा है किसी भी नई चीज को अपनाने के लिए उसके बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। वह कहती हैं, “फैशन को लेकर ये समझना बहुत जरूरी है कि इसका सहज, सरल और सामाजिक होना अनिवार्य है। सिर्फ महंगे वस्त्र या डिजाइनर कपड़ों से ही फैशन होता है, ये भी सही नहीं है। फैशन सामाजिक बदलाव का एक बहुत बड़ा मानक है, ये बात मैं शुरू से मानती रही हूं।”

हमारे आसपास के वातावरण को संभालने में फैशन किस तरह काम आ सकता है, इस बारे में भूमि कहती हैं, “पर्यावरण संरक्षण पर काम करने के दौरान ही कोरोना संक्रमण काल के बाद मैंने फैशन के इस पहलू के बारे में लोगों को जागरूक करना शुरू किया। हम लोग जब दिल्ली में थे तो मैं सरोजनी नगर से ही कपड़े लाती थी। फिर उनमें अपनी सोच के हिसाब से मोहल्ले के टेलर मास्टर से बदलाव कराती और नई ड्रेस तैयार कर लेती।”

भूमि पेडनेकर के मुताबिक, “हमारे लिबास हमारे व्यक्तित्व की पहली बनागी होते हैं और इसका सबसे सुंदर उदाहरण मैं अभिनेत्री रेखा जी को मानती हूं। उनका आकर्षण उनके लिबास को देखकर जो बनता है, उससे न जाने कितने लोग प्रभावित हुए हैं। लोगों ने भी अब सार्वजनिक कार्यक्रमों में उनके जैसा दिखना शुरू कर दिया है।”

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