अयोध्या। मिल्कीपुर विधानसभा में सबसे बड़ी जीत 1974 के चुनाव में कांग्रेस ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। जीत का सबसे कम अन्तर राम लहर में 415 वोट का रहा था। जब भाजपा ने सीपीआई के प्रत्याशी को हराया था।
मिल्कीपुर विधानसभा में मत प्रतिशत के आधार पर सबसे बड़ी जीत 1974 के चुनाव में 51.76 प्रतिशत मत प्राप्त कर कांग्रेस के धर्मचन्द्र ने दर्ज की थी। इन्होनें भारतीय जनसंघ के शंकर नाथ त्रिपाठी को हराया था। दूसरी बड़ी जीत 1989 के चुनाव में कांग्रेस के ही ब्रजभूषण मणि त्रिपाठी ने 48.63 प्रतिशत मत प्राप्त किया था। इन्होनें सीपीआई के मित्रसेन यादव को हराया था।
तीसरी बड़ी जीत 1985 के चुनाव में 48.52 प्रतिशत मत प्राप्त कर सीपीई के मित्रसेन यादव ने कांग्रेस के हनुमान प्रसाद त्रिपाठी को हराया था।
मतों के अंतर आधार पर सपा के अवधेश प्रसाद ने 2012 में सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। उन्होंने 34360 मतों से बसपा के पवन कुमार को हराया था। इस चुनाव में अवधेश प्रसाद को 73803 पवन कुमार को 39566 तथा भाजपा के रामू प्रियदर्शी को 32972 मत प्राप्त हुए थे।
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कम अंतर की बात की जाय तो 1991 के चुनाव में हार-जीत का अंतर मात्र 415 था। 1991 के चुनाव में भाजपा के मथुरा प्रसाद तिवारी ने सीपीआई के कमलासन पाण्डेय को हराया था। दूसरा कम अतंर की जीत 1993 के चुनाव में मित्रसेन यादव ने 775 वोट के अंतर से भारतीय जनता पार्टी के मथुरा प्रसाद तिवारी को हराया था। सर्वाधिक मत 2022 के चुनाव में सपा के अवधेश प्रसाद को मिला था जिन्हें 103191 मत प्राप्त हुए थे। 2022 में उन्होनें निकटतम प्रतिद्विंदी भारतीय जनता पार्टी के गोरखनाथ को हराया था। गोरखनाथ को 90567 मत प्राप्त हुए थे।
रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह