नई दिल्ली। भारत ने मध्य अफ्रीकी देश साओ टोमे और प्रिंसिपे को चिकित्सा आपूर्ति की एक महत्वपूर्ण खेप भेजकर वैश्विक दक्षिण के प्रति अपनी मानवीय प्रतिबद्धता को दोहराया है। आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं से युक्त इस सहायता पैकेज का उद्देश्य साओ टोमे के कमजोर सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करना है।
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सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक बयान में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने घोषणा की चिकित्सा आपूर्ति की मानवीय सहायता, जिसमें इंसुलिन, रक्त ग्लूकोज मॉनिटर और स्ट्रिप्स, मानव एल्ब्यूमिन, ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट (ओआरएस) और बहुत कुछ जैसी जीवन रक्षक तथा आवश्यक दवाएं शामिल हैं, साओ टोमे और प्रिंसिपे को भेजी गई है।
भारत ने इससे पहले भी द्वीप राष्ट्र की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूती प्रदान करने के लिए सहायता भेजी है। जून 2023 में, जीवन रक्षक और जेनेरिक दवाओं सहित 25,000 अमेरिकी डॉलर मूल्य की चिकित्सा सहायता साओ टोमे को भेजी गई थी। इससे पहले 2021 में भारत ने 95,000 यूरो से अधिक मूल्य की दवाइयां दान की थीं, जिन्हें औपचारिक रूप से साओ टोमे के स्वास्थ्य मंत्री एडगर नेवेस को सौंपा गया था।
भारत और साओ टोमे के बीच द्विपक्षीय संबंध 1975 में साओ टोमे की स्वतंत्रता के समय से ही हैं। दोनों देशों के नेता संयुक्त राष्ट्र और गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अक्सर बातचीत करते रहे हैं। साओ टोमे ने दक्षिण-दक्षिण सहयोग में भारत के नेतृत्व और वैश्विक शांति प्रयासों में इसके महत्वपूर्ण योगदान को लगातार मान्यता दी है।
उल्लेखनीय रूप से, द्वीप राष्ट्र संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत की मांग का दृढ़ समर्थक भी है। साओ टोमे और प्रिंसिपे के प्रति भारत की मानवीय सहायता, वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच एकजुटता और विकास के प्रति उसकी स्थायी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी