लखनऊ। ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय और सेंटर ऑफ बायोमेडिकल रिसर्च के बीच शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर भाषा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो जेपी पांडेय के मार्गदर्शन में हस्ताक्षर किये गए।
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शैक्षणिक और अनुसंधान के उत्कृष्टता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय (KMCLU), सीतापुर-हरदोई बाईपास रोड, लखनऊ, और सेंटर ऑफ बायोमेडिकल रिसर्च (CBMR), जो उत्तर प्रदेश सरकार के तहत एक स्वायत्त निकाय है और एसजीपीजीआईएमएस कैंपस, रायबरेली रोड, लखनऊ में स्थित है, के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।
इस समझौते का मुख्य उद्देश्य KMCLU और CBMR के बीच घनिष्ठ सहयोग और कार्यात्मक समन्वय स्थापित करना है। यह साझेदारी शिक्षकों, शोधकर्ताओं और छात्रों के ज्ञान को बढ़ाने और उनके लिए आपसी सहयोग के अवसर प्रदान करने पर केंद्रित है। इस समझौते के तहत मुख्य गतिविधियां निम्नलिखित होंगी।
1. प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर फंडिंग के लिए संयुक्त शोध प्रस्ताव तैयार करना।
2. तकनीकी विशेषज्ञता और शोध अनुदान साझा करना।
3. शोध उन्मुखीकरण कार्यक्रमों का आयोजन।
4. आपसी रुचि के विषयों पर संयुक्त रूप से सेमिनार, कार्यशालाएं, सम्मेलन और अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
इस ऐतिहासिक समझौते पर CBMR के निदेशक प्रो आलोक धवन और KMCLU के कुलसचिव डॉ महेश कुमार ने हस्ताक्षर किए। समारोह के दौरान, प्रो आलोक धवन ने विभिन्न विषयों के बीच सहयोग के महत्व को रेखांकित किया और इसे नवाचार और अनुसंधान के लिए एक नई दिशा बताया। वहीं, डॉ महेश कुमार ने इस साझेदारी को छात्रों और शिक्षकों के लिए नई सीखने और शोध के अवसर प्रदान करने वाली पहल बताया।
समझौते के इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो जेपी पांडेय ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन लखनऊ में अनुसंधान और नवाचार के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक है और शैक्षणिक समन्वय के एक उज्जवल भविष्य का वादा करता है। समझौते के अवसर पर भाषा विश्वविद्यालय की परीक्षा नियंत्रक डॉ भावना मिश्रा, फार्मेसी संकाय की निदेशक शालिनी त्रिपाठी और कुलानुशासक डॉ नीरज शुक्ल सहित संबंधित शिक्षक और अधिकारी उपस्थित रहे।