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काशी आएंगे तीन शंकराचार्य, 3000 अनुयायियों के साथ होगा महायज्ञ; वेद और शास्त्रों पर होगा मंथन

वाराणसी। महाकुंभ में तीनों पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य प्रवास कर रहे हैं। वह संगम स्नान, पूजन, यज्ञ करने के साथ धर्म संसद आदि धार्मिक कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। इसके बाद वह काशी में प्रवास करेंगे। शृंगेरी मठ के जगद्गुरु शंकराचार्य भारती तीर्थ के उत्तराधिकारी शिष्य विधुशेखर भारती 31 जनवरी को काशी आएंगे। वह आठ दिनों तक अलग-अलग अनुष्ठान में भाग लेंगे। काशी में होने वाली विद्वत सभा में वेदों और शास्त्रों पर मंथन करेंगे। उनके साथ तीन हजार से अधिक अनुयायी भी आएंगे।

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काशी आएंगे तीन शंकराचार्य, 3000 अनुयायियों के साथ होगा महायज्ञ; वेद और शास्त्रों पर होगा मंथन

महाकुंभ में वैदिक अनुष्ठान के साथ हो रही हैं धार्मिक सभाएं

महाकुंभ में 14 अखाड़ों के अलावा मठों, आश्रमों और पंथों के शिविर लगे हैं। वहां वैदिक अनुष्ठान के साथ ही धार्मिक सभाएं हो रही हैं। गोवर्धन मठ पुरी के पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती और ज्योतिषपीठाधीश्वर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी महाकुंभ में पहुंचे हैं। वे गो रक्षा, धर्मसंसद, विद्वत सभा और महायज्ञ जैसे अनुष्ठान संगमनगरी में करा रहे हैं। वहीं, शृंगेरी पीठ के उत्तराशिकारी शंकराचार्य विधुशेखर भारती 24 जनवरी को महाकुंभ में पहुंचेंगे।

विविध अनुष्ठानों में भाग लेंगे।

काशी शृंगेरी मठ के प्रबंधक चल्ला अन्नपूर्णा प्रसाद शास्त्री  ने बताया कि शंकराचार्य 31 जनवरी को पहली बार काशी आएंगे। उनके साथ 500 साधु-संतों का दल रहेगा। इसके अलावा तीन हजार से अधिक अनुयायी आएंगे। उनके स्वागत की तैयारी चल रही है। मठ में विविध अनुष्ठान होंगे। वह नौ फरवरी को यहां से पीठ के लिए रवाना हो जाएंगे। वहीं, स्वामी निश्चलानंद सरस्वती छह फरवरी और स्वामी अविमुक्तेश्वरांद सरस्वती 26 फरवरी के बाद काशी आएंगे।

ये होंगे अनुष्ठान

स्वामी विधुशेखर भारती आठ दिन तक अनुष्ठान में भाग लेंगे। चल्ला अन्नपूर्णा प्रसाद शास्त्री ने बताया कि चंद्रमौलिश्वर पूजा, सहस्त्रचंडी यज्ञ, अतिरुद्र यज्ञ, ललिता शहस्त्रार्चन, कोटि कुंकुंमार्चन, अधिवास हवन, विद्वत सभा, चारों वेदों व शास्त्रों पर सभा होगी।

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