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आपदा प्रबंधन की मिसाल


रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री के संवाद में एक बार फिर उत्तर प्रदेश ने राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकृष्ट किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आपदा प्रबंधन आख्या को एक मिसाल के रूप में देखा गया। कोरोना अभूतपूर्व संकट है। इसके लिए पहले से बचाव या राहत की कल्पना ही संभव नहीं थी। इसके दृष्टिगत सभी तैयारियां शून्य से शुरू करनी थी। योगी आदित्यनाथ इसके लिए कटिबद्ध हुए। उन्होंने दिन रात मेहनत की,और बचाव व राहत का व्यापक नेटवर्क कायम कर दिया। जबकि इसी दौरान प्रवासी श्रमिकों का बड़ी संख्या में अन्य राज्यों से पलायन हुआ। योगी के प्रयासों से पैंतीस लाख श्रमिकों की सुरक्षित व सम्मानजनक वापसी संभव हुई। अब इनको रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इस समय प्रदेश में लेवल वन, टू व थ्री के पांच सौ से अधिक कोविड अस्पताल क्रियाशील हैं।

इन अस्पतालों में एक लाख से अधिक बेड उपलब्ध हैं। राज्य में कोरोना संक्रमण की जांच के लिए पांच लाख से अधिक टेस्ट हो चुके हैं। अब प्रतिदिन लगभग सोलह हजार टेस्ट किए जा रहे हैं। एक दो दिन में यह संख्या बीस हजार तक हो जाएगी। कोविड़ अस्पतालों में ऑक्सीजन व वेण्टीलेटर की उपलब्धता भी है। राज्य में लेवल तीन के डेडीकेटेड अस्पतालों की संख्या पच्चीस है। इन अस्पतालों में गम्भीर रोगों से ग्रसित मरीजों के कोरोना संक्रमित होने पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में उपचार किया जाता है। राज्य के सभी जनपदों में वेण्टीलेटर की सुविधा उपलब्ध है।मेडिकल इंफेक्शन से बचाव के प्रबन्ध किये गए है। इमरजेंसी सेवाओं के साथ ही आवश्यक ऑपरेशन की सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। यह सुविधा प्रदेश के सभी जनपदों में उपलब्ध करायी जा रही है। इसके लिए सभी जनपदों के नाॅन कोविड चिकित्सालयों तथा मेडिकल काॅलेजों में ट्रूनेट मशीनें लगायी गयी हैं। इन मशीनों की सहायता से कोरोना जांच की जा सकती है। पर्याप्त मानव संसाधन के प्रशिक्षण की कार्यवाही भी संचालित की जा रही है। कम्युनिटी सर्विलांस व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया। करीब पांच करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। राज्य में क्वारंटीन सेण्टर्स की क्षमता लगभग पन्द्रह लाख है।

क्वारंटीन सेण्टर में पूल टेस्ट तथा व्यक्तिगत टेस्ट द्वारा संक्रमित पाये गये लोगों को डेडीकेटेड कोविड अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। पैंतीस लाख श्रमिक कामगार प्रदेश में पहुंचे है। इनकी स्क्रीनिंग कर उन्हें राशन किट उपलब्ध कराते हुए होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा गया। होम क्वारंटीन में इनकी निगरानी के लिए सत्तर हजार निगरानी समितियों का गठन किया गया है। राज्य में साढ़े सोलह सौ से अधिक श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियां आयीं। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बारह हजार से अधिक बसें संचालित की गईं। होम क्वारंटीन से बाहर आने वाले श्रमिकों कामगारों को उनकी स्किल के अनुरूप कार्य उपलब्ध कराने की कार्यवाही चल रही है। राज्य में कामगारों श्रमिकों के लिए उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक सेवायोजन एवं रोजगार आयोग’ का गठन किया गया है। इस आयोग ने कार्य करना भी प्रारम्भ कर दिया है। अनलाॅक की कार्यवाही प्रारम्भ होने के पश्चात अब तक राज्य सरकार को प्रदेश में रह रहे और वापस लौटे श्रमिकों को सम्मिलित करते हुए करीब एक करोड़ श्रमिकों कामगारों को रोजगार,नौकरी अथवा स्वरोजगार से जोड़ने में सफलता मिली है। कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों में यह संख्या लगभग साठ लाख है।

लगभग पैंतीस लाख श्रमिकों कामगारों को सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम तथा अन्य बड़े उद्योगों से जोड़ा गया है। राज्य सरकार द्वारा चौतीस लाख कामगारों श्रमिकों को एक एक हजार रुपए का भरण पोषण भत्ता उपलब्ध कराया गया। प्रधानमंत्री आर्थिक पैकेज के तहत भी लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है। पहले चरण में सत्तावन हजार एमएसएमई उद्यमियों को ऋण की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी के साथ बैठक सम्पन्न हो चुकी है। करीब सवा लाख उद्यमियों को ऋण उपलब्ध कराने की कार्यवाही प्रगति पर है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा दस लाख से अधिक दिव्यांगजन को, करीब पचास लाख वृद्धावस्था पेंशन धारकों को,छब्बीस लाख निराश्रित महिला पेंशन धारकों को घोषित सुविधा का लाभ उपलब्ध कराया जा चुका है। अठारह करोड़ लोगों को पांच बार निशुल्क खाद्यान्न वितरित किया जा चुका है। अब छठीं बार निशुल्क खाद्यान्न वितरण प्रारम्भ होने जा रहा है।

 

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