भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने बुधवार को कहा कि भारत 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी के अधिकार हासिल करने के लिए सिर्फ बुनियादी क्षमताओं को मजबूत करने पर ही ध्यान केंद्रित नहीं कर रहा है बल्कि बौद्धिक स्तर पर भी ध्यान लगा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक अनुसंधान सम्मेलन में पीटी उषा ने की ओलंपिक की मेजबानी पर बात
पूर्व ट्रैक एवं फील्ड स्टार गांधीनगर जिले के देहगाम के पास राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) में पहले अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक अनुसंधान सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। उषा ने कहा कि सम्मेलन के कारण दुनिया भर से विभिन्न ओलंपिक अध्ययन और शोध केंद्रों के प्रतिनिधि तथा विविध क्षेत्रों के विशेषज्ञ भारत में एकत्रित हुए हैं।
पीटी उषा ने कहा, ओलंपिक आंदोलन के साथ भारत का जुड़ाव एक परिवर्तनकारी क्षण में है और यह प्रतिस्पर्धी खेलों से आगे बढ़कर ओलंपिकवाद की सच्ची भावना को अपनाता है जो खेलों के माध्यम से शांति, शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है।
‘भारत करना चाहता है ओलंपिक 2036 की मेजबानी’
एशियाई ट्रैक एवं फील्ड में 1980 के दशक में अपना दबदबा बनाने वाली पूर्व एथलीट ने आगे कहा, भारत (2036) ओलंपिक की मेजबानी करना चाहता है इसलिए हम केवल अपनी बुनियादी ढांचा क्षमताओं को ही मजबूत नहीं कर रहे हैं बल्कि अपनी बौद्धिक और शोध तैयारियों को भी मजबूत कर रहे हैं।