आज से 13 साल पहले बॉलीवुड के इतिहास में एक ऐसी फिल्म रिलीज हुई, जिसमें एक साथ 5 दिग्गज लीड एक्टर्स की टोली नजर आई। सभी कलाकार एक से बढ़कर एक थे। इंडस्ट्री में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा चुके इन एक्टर्स को निर्देशक बेदब्रत पेन साथ लेकर आए थे। फिल्म का नाम ‘चटगांव’ था। ये एक एक्शन-ड्रामा फिल्म थी। पहली और शायद आखिरी बार मनोज बाजपेयी, नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, जयदीप अहलावत, विजय वर्मा और राजकुमार राव एक साथ इस फिल्म में साथ नजर आए। फिल्म 1930 के दशक में सेट की गई थी, जहां अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह करने वाले स्कूली बच्चों के एक समूह के बारे में दिखाया गया था। इस फिल्म में बाजपेयी, बैरी जॉन, डेलजाद हिवाले, नवाजुद्दीन सिद्दीकी और राजकुमार राव मुख्य भूमिका में हैं। वहीं विजय वर्मा और जयदीप अहलावत के साथ दिब्येंदु भट्टाचार्य भी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
फिल्म की कहानी और किरदार
फिल्म में मनोज बाजपेयी ने सूर्या सेन का रोल प्ले किया है। डेलजाद हिवाले और विजय वर्मा दोनों ने ही झुनकू का रोल अदा किया। निर्मल सेन के रोल में नवाजुद्दीन नजर आए और राजकुमार राव लोकनाथ बाल के रोल में हैं। वहीं अनंत सिंह का रोल जयदीप अहलावत ने निभाया है। दिब्येंदु भट्टाचार्य अंबिका के रोल में हैं। बेरी जॉन विल्किंसन के रोल में हैं। बेरी जॉन एक्टिंग के दिग्गज हैं और शाहरुख खान से लेकर मनोज बाजपेयी ने इनसे एक्टिंग सीखी है। अब आते हैं फिल्म की कहानी पर जहां सूर्या सेन ब्रिटिश राज के खिलाफ गांव वालों के एकजुट कर रहा है। उसने एक सेना तैयार की है और उसकी फौज में 14 से 18 साल के युवक हैं। इसी फौज के चलते वो अंग्रेजों की छावनी पर कब्जा कर लेता है।
हर युवा किसी न किसी कारण के चलते सूर्या सेन से जुड़ता है, लेकिन झुनकू रॉय सबसे अलग है। अच्छे परिवार का लड़का झुनकू कुछ ही वक्त में सबसे बहादुर लड़ाकू के रूप में उभरता है। ऐसे में वो सूर्या का चहेता बन जाता है। चटगांव में अंग्रेजी शासन के खिलाफ सूर्या और झुनकू की शुरू की गई जंग नाकामयाब रहती है। इसमें कई युवक शहीद होते दिखाए गए, लेकिन इस बलिदान के बाद चटगांव में लड़ी गई आजादी की जंग लगातार बढ़ती रही।
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बॉक्स ऑफिस पर कैसा रहा फिल्म का प्रभाव
5 दिग्गजों वाली इस फिल्म में कई जानदार एक्टर्स की टोली दिखी। फिल्म को बनाने के लिए 5 करोड़ रुपये लगे। गौर करें तो फिल्म का बजट कोई हाई-फाई नहीं था, लेकिन इसके बाद भी इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर सफलता नहीं मिली। फिल्म ले देकर सिर्फ 47 लाख रुपये ही कमा सकी, जो बजट का 10वां हिस्सा भी नहीं था। दमदार कहानी होने के चलते फिल्म को क्रिटिक्स से अच्चा रिस्पॉन्स मिला। कई बड़े क्रिटिक्स ने इसे चार स्टार दिए। वहीं IMDb ने इस फिल्म को 7.3 की रेटिंग दी है। इस फिल्म को आज कल्ट और क्लासिक सिनेमा में गिना जाता है।