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निर्मित कलाकृतियों से आर्थिक स्थिति सुदृढ़ की जा सकती है- डॉ प्रिया

अयोध्या, (जय प्रकाश सिंह)। डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में पीएम उषा के सॉफ्ट कॉम्पोनेंट्स योजना के अन्तर्गत ललित कला विभाग में पांच दिवसीय कार्यशाला में भगवान राम के चित्रण विषय पर फ्रीलांस आर्टिस्ट की डॉ प्रिया कुमारी ने श्रीराम की पेंटिंग को बाजार तक पहुंचाने के विभिन्न माध्यमों से अवगत कराया।

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उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि कलात्मक सामग्रियां काफी महंगी होती हैं। इस निर्मित कलाकृतियों के बाजारीकरण से कलाकारों की आर्थिक स्थिति को सुधारी जा सकती है। द्वितीय सत्र फाइन आर्ट की डॉ सरिता द्विवेदी ने कोहबर संस्कृति की परंपरागत विधि से प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को अवगत कराया।

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तृतीय सत्र में रीमा सिंह ने चौक पूरना कला डेमोंसट्रेशन देते हुए प्रयोगिक तकनीकी गुर सिखाएं। कार्यशाला के चौथे सत्र में उत्तर प्रदेश की लोक गायिका डॉ रचना श्रीवास्तव ने अवध के लोग गायन एवं लोक चित्रण के अंतर संबंध को प्रायोगिक रूप से परिचित कराया।

इस कार्यशाला की शुरुआत एसोसिएशन ऑफ सोशियो इकोनामिक डेवलपमेंट स्टडीज की क्षेत्रीय समन्वयक तथा अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रो मृदुला मिश्रा ने धार्मिक क्षेत्र के अर्थशास्त्र पर बहुत ही अच्छे तरीके से छात्र-छात्राओं को बताया।

कहा कि लागत, लाभ, विश्लेषण के आधार पर निर्मित राम कथा आधारित रमणीक पेंटिंग रोजगार बढ़ा सकते है। विभाग की प्रशिक्षिका सरिता सिंह ने कोहबर की कला के विभिन्न आयामों से छात्र-छात्रों को रूबरू कराया। इस कार्यशाला में 50 से अधिक छात्र-छात्राएं प्रतिभाग किया।

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