नई दिल्ली। वाराणसी लोकसभा सीट से नामांकन रद्द होने के खिलाफ बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव (Tej Bahadur Yadav) की याचिका आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। इसके बाद तेज बहादुर के चुनाव लड़ने की सारी उम्मीदें ख़त्म हो गईं। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि हमें इस याचिका पर सुनवाई का कोई आधार नहीं लगता, लिहाजा याचिका खारिज की जाती है। इससे पहले बुधवार को कोर्ट ने चुनाव आयोग से गुरुवार को जवाब देने को कहा था।
नामांकन तकनीकी आधार पर रद्द
वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे तेज बहादुर पहले निर्दलीय फिर गठबंधन प्रत्याशी थे। सपा ने पहले शालिनी यादव को टिकट दिया था। लेकिन चुनाव आयोग ने तेज बहादुर का नामांकन तकनीकी आधार पर रद्द कर दिया था। जिसके बाद तेज बहादुर ने सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाकर चुनाव आयोग के फैसले को रद्द करनेकी मांग की।
जवानों को दिए जाने वाले भोजन के बारे में
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में तेज बहादुर यादव ने कहा था कि आयोग का निर्णय भेदभावपूर्ण और अतार्किक है, इसे खारिज किया जाना चाहिए। नामांकन पत्र के नोटिस का जवाब देने के दौरान तेज बहादुर के समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर नोकझोंक भी हुई थी, जिसके बाद पुलिस ने समर्थकों को कचहरी परिसर से बाहर कर दिया। तेज बहादुर यादव जवानों को दिए जाने वाले भोजन के बारे में एक वीडियो पोस्ट करने के बाद चर्चा में आए थे। जिसके बाद 2017 में उसे बर्खास्त कर दिया गया था।