लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित पूर्व छात्र व्याख्यान श्रृंखला (Alumni Lecture Series) के क्रम में उन्नीसवां व्याख्यान डॉ वेद श्रीवास्तव (Dr. Ved Srivastava), पूर्व छात्र, रसायन विज्ञान विभाग (1980 एमएससी रसायन विज्ञान) द्वारा दिया गया। डॉ वेद श्रीवास्तव वर्तमान में पेरपीचुअल मेडिसिन बोस्टन,अमेरिका (USA) में मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी हैं। डॉ. श्रीवास्तव ने ‘एआई किस तरह पेप्टाइड-आधारित दवाओं के भविष्य को बदल रहा है’ पर व्याख्यान दिया।
डॉ वेद श्रीवास्तव ने कहा कि पेप्टाइड थेरेप्यूटिक्स बायोफार्मास्युटिकल उद्योग में एक अभूतपूर्व दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है, जो विभिन्न चिकित्सा स्थितियों के लिए अभिनव समाधान प्रदान करता है, जिसमे चयापचय रोगों की सफलता भी शामिल है। वैश्विक पेप्टाइड थेरेप्यूटिक्स बाजार का अनुमान है कि पूर्वानुमान अवधि के दौरान 10.8% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) के साथ 2034 तक $117.4 बिलियन तक पहुँच जाएगा।
डॉ वेद श्रीवास्तव ने कहा कि कहा कि कम्प्यूटेशनल AI/ML जैसी तकनीकों में हालिया प्रगति और नैदानिक उम्मीदवारों के विकास के लिए प्रोटीन संरचना की मजबूत भविष्यवाणी आशाजनक प्रगति दिखा रही है, लेकिन हम अभी भी शुरुआती चरण में हैं। उनकी प्रस्तुति में नई पेप्टाइड-आधारित चिकित्सा विकसित करने के लिए पारंपरिक दवा खोज विधियों से कम्प्यूटेशनल/AI-संचालित प्लेटफ़ॉर्म पर संक्रमण में तकनीकी प्रगति और केस स्टडी को शामिल किया गया।
रसायन विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रो अनिल मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत किया और दवाओं के विकास में एआई के महत्व पर बल दिया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वर्तमान छात्रों के साथ पूर्व छात्रों की बातचीत उन्हें आगे के मार्गदर्शन में मदद मिलती है। डॉ संगीता श्रीवास्तव द्वारा वक्ता को स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया और डॉ. प्रियंका पांडे ने श्रोताओं से उनका परिचय कराया।
डॉ विनोद ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस व्याख्यान कार्यक्रम में विभाग के सभी संकाय सदस्य और शोधार्थी मौजूद थे। डॉ रेणु पाठक, डॉ रीना खरे, डॉ मधु प्रकाश (1980 बैच की पूर्व छात्रा) और डॉ रचना रस्तोगी (1982 बैच की पूर्व छात्रा) भी मौजूद थीं।