पाकिस्तान के योजना आयोग की तरफ से जारी की गई एक रिपोर्ट ने देश की पूरी शिक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। दरअसल, हाल ही में जारी की गई पाकिस्तान की जिला शिक्षा प्रदर्शन सूचकांक रिपोर्ट 2023 में सामने आया है कि पाकिस्तान की शिक्षा वितरण प्रणाली अब पूरी तरह नाकाम हो चुकी है। इसके चलते लोगों को या तो बिना शिक्षा हासिल किए या फिर कम से कम पढ़ाई के साथ नौकरी करनी पड़ रही है।
इस रिपोर्ट के पाकिस्तान में ब्रिटेन के उच्चायुक्त द्वारा लॉन्च किया गया। इस कार्यक्रम में पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसान इकबाल भी मौजूद रहे। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इस्लामाबाद को छोड़कर पाकिस्तान के सभी 134 जिले शिक्षा के अलग-अलग मानकों पर खरे नहीं उतरते। इनमें शिक्षण संस्थानों-छात्रों के सार्वजनिक वित्तपोषण से लेकर स्टूडेंट्स के सीखने के परिणामों जैसे मानक भी शामिल रहे।
किसी भी जिले को उच्च-प्रदर्शन की रेटिंग नहीं
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान का नक्शा इन दोनों मानकों पर पूरी तरह लाल रंग से रंगा है यानी इन दोनों मानकों पर एक भी जिले की हालत ठीक नहीं है। कई लोगों के लिए यह मुद्दा आर्थिक संकट जितना ही खतरनाक है। लगभग सभी जिलों को या तो मध्यम या निचले प्रदर्शन के वर्ग में रखा गया। कोई भी जिला प्रभावी नतीजे हासिल करने वाले जिले में शामिल नहीं हो पाया।
पाकिस्तान में जिलों के यह हाल वहां खराब शासन, शिक्षण व्यवस्था में भारी कमी और शैक्षणिक कामों के लिए कम बजट को भी दर्शाती हैं। देश के 134 में से किसी भी जिले को उच्च-प्रदर्शन की रेटिंग नहीं दी गई है।