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लेखपालों की भूमिका कठघरे में, 40 दिन में आखिर किसको हुई थी 190 कॉल

सीतापुर:  सीतापुर में शनिवार को हुए पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी हत्याकांड में लेखपालों की भूमिका भी शक के दायरे में है। पुलिस की लापरवाही पर एसएचओ सहित चौकी इंचार्ज को पहले ही लाइन हाजिर किया जा चुका है। वहीं, हत्याकांड के बाद खुलासे में लगी पुलिस टीमों को अहम सुराग मिले हैं। इसमें 12 पुलिस टीमों ने करीब 30 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ की है। इनमें क्राइम ब्रांच व एसटीएफ लगातार संदिग्धों की पहचान करने के साथ पूछताछ कर रही है। सूत्रों के अनुसार महोली तहसील के छह लेखपालों से पिछले 30 घंटों से कड़ी पूछताछ की जा रही है। वहीं, खीरी जनपद के एक शख्स संग करीब 20 अन्य युवक पुलिस की हिरासत में हैं। पुलिस इनसे अब तक मिले साक्ष्यों के आधार पर गहनता से पूछताछ कर रही है। ऐसा माना जा रहा है कि पुलिस खुलासे के बेहद करीब है। एसपी चक्रेश मिश्र ने बताया कि राघवेंद्र की कॉल डिटेल व फोन से अहम साक्ष्य मिले हैं। हर पहलू की छानबीन की जा रही है। प्रयास यही है कि जल्द पूरी घटना का अनावरण कर दिया जाए।

सूत्रों के अनुसार राघवेंद्र वाजपेयी को महोली तहसील में तैनात लेखपाल कुछ गोपनीय सूचनाएं देते थे। इसमें धान खरीद में गड़बड़ियों की जानकारी व उससे जुड़े दस्तावेज भी शामिल रहते थे। राघवेंद्र इस इनपुट के आधार पर खबरें भी प्रकाशित कर रहे थे। इस दिशा में पुलिस की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। अब तक धान खरीद सिंडीकेट से जुड़े पांच ठेकेदारों, छह लेखपालों व कुछ राजस्वकर्मियों से गहनता से पूछताछ की जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि एक लेखपाल ने राघवेंद्र बाजपेयी को करीब 20 मामलों में गड़बड़ियों के बारे में बताया था। इससे जुड़े लोगों की कुछ अहम जानकारियां भी दी थीं। बता दें कि राघवेंद्र लगातार धान खरीद में गड़बड़ी की खबरें प्रकाशित कर रहे थे। सबसे पहले पुलिस टीमों ने इसी एंगल पर पड़ताल शुरू की थी।

40 दिन में 190 कॉल….खीरी से जुड़े तार
सूत्रों के अनुसार इस पूरे हत्याकांड के तार लखीमपुर खीरी से भी जुड़ रहे हैं। एक ऐसा नंबर सामने आया है, जिस पर राघवेंद्र की जनवरी की शुरुआत से बात होनी शुरू हुई थी। करीब 40 दिनों तक इस नंबर पर उनकी बात हुई है। 40 दिन में करीब 190 कॉल आईं और गई हैं। फरवरी माह के बीच में इस नंबर पर अचानक राघवेंद्र की बात होनी बंद हो गई थी। इस वजह से पुलिस का इस नंबर पर शक गहराता चला गया। बता दें कि यह शख्स वर्तमान में लखीमपुर खीरी में रह रहा है। वर्ष 2012 से पूर्व यह महोली में ही रहता था। वहां एक निजी संस्थान में इस शख्स व राघवेंद्र की एक मुलाकात भी हो चुकी है। ऐसा बताया जा रहा है कि फरवरी माह में भी राघवेंद्र इस शख्स से मिले थे। सूत्रों के अनुसार इनकी इस मुलाकात का एक अन्य शख्स गवाह भी है। यह शख्स पुलिस की हिरासत में है। इससे जुड़े तीन अन्य युवक भी पुलिस की हिरासत में हैं।

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