
वाशिंगटन: भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर पृथ्वी पर वापस आ गए हैं। वे 9 महीने से ज्यादा समय से अंतरिक्ष में थे। लंबे समय से उनके पृथ्वी पर आने का इंतजार किया जा रहा था। स्पेसएक्स के अंतरिक्ष यान ड्रैगन से उनकी पृथ्वी पर वापसी तो हो गई लेकिन जब ये दोनों अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर कैप्सूल से बाहर निकले तो उन्हें स्ट्रेचर पर ले जाया गया। अब लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर सुनीता विलियम्स को क्या हो गया है जो उन्हें पृथ्वी पर लौटते ही स्ट्रेचर पर ले जाया गया।
क्या है सुनीता को स्ट्रेचर पर ले जाने की वजह?
इससे पहले कि आपको सुनीता विलियम्स की सेहत की चिंता हो तो बता दें कि वह पूरी तरह स्वस्थ हैं। वह ना ही बीमार हैं और ना ही घायल हैं। दरअसल उन्हें कैप्सूल से बाहर आने पर स्ट्रेचर पर ले जाने का कारण एक प्रोटोकॉल है। लाइव साइंस के मुताबिक, अंतरिक्ष यात्रियों के धरती पर लौटने के बाद स्ट्रेचर पर ले जाने की प्रक्रिया ISS (अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन) मिशन से जुड़ी नहीं है। यह एक प्रोटोकॉल है, जिसका सभी अंतरिक्ष यात्रियों को पालन करना होता है। इसकी वजह ये है कि अंतरिक्ष से लौटने के बाद अंतरिक्ष यात्री तुरंत चल नहीं पाते हैं।
दरअसल अंतरिक्ष में इन लोगों के शरीर में अस्थायी बदलाव होते हैं। ऐसे में वापसी पर नासा इन बदलावों को लेकर सख्त सुरक्षा प्रक्रियाएं अपनाता है। इसी के तहत स्ट्रेचर का इस्तेमाल होता है। लाइव साइंस ने नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर के पूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक जॉन डेविट के हवाले से बताया कि बहुत से अंतरिक्ष यात्री स्ट्रेचर पर बाहर नहीं आना चाहते, लेकिन उन्हें बताया जाता है कि उन्हें स्ट्रेचर पर बाहर ले जाया जाएगा।
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इसके पीछे एक और बात है कि जब अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर वापस लौटते हैं तो उन्हें चक्कर आ सकता है और मतली का अनुभव हो सकता है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए पृथ्वी पर आते ही अंतरिक्ष यात्रियों को स्ट्रेचर पर ले जाया जाता है।
डेविट बताते हैं कि पृथ्वी पर लौटते ही यात्रियों को गुरुत्वाकर्षण का अनुभव होता है और अंतरिक्ष में वह भारहीन होते हैं। ऐसे में उन्हें पृथ्वी के जीवन के अनुकूल होने में थोड़ा समय लगता है।