लखनऊ। मैवरिक्स थिएटर (Mavericks Theater) द्वारा प्रस्तुत और ऐमरन फाउंडेशन (Amaran Foundation) के सहयोग से दोहरी ज़िंदगी (Dohri Jindagi) नाटक का मंचन आज बुधवार को वाल्मीकि ऑडिटोरियम, संगीत नाटक अकादमी, गोमतीनगर, लखनऊ में किया गया।
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राजस्थान की मिट्टी से उपजी कहानियों में समाज की गहरी सच्चाई छिपी होती है उसी कड़ी में लेखक विजयदान देथा की कहानी “दोहरी ज़िंदगी” इसका एक बेहतरीन उदाहरण रही है। विकास दुबे (Vikas Dubey) के निर्देशन में यह नाटक पहचान, रिश्तों और समाज के खोखले नियमों की गहरी पड़ताल करता है।
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कहानी दो लालची सेठों से शुरू होती है, जिन्होंने अपने बच्चों का रिश्ता जन्म से पहले ही तय कर दिया था। लेकिन जब दोनों के घर बेटियां जन्मीं, तो समाज और दहेज के लालच में एक सेठ ने अपनी बेटी को लड़के के रूप में पालने का फैसला किया और अपनी बेटी को लड़का बनाकर उसकी शादी दूसरे सेठ की लड़की से करवा देता है यह निर्णय केवल उसके जीवन को ही नहीं, बल्कि उन सभी सामाजिक मान्यताओं को चुनौती देता है, जो जन्म से ही इंसान की पहचान तय कर देती हैं।
एमरन फाउंडेशन की अध्यक्ष रेणुका टंडन (Renuka Tandon) ने बताया कि हमारा फाउंडेशन युवा प्रतिभाओं को सक्षम मंच देने का कार्य करता है इसी कड़ी में यह नाटक केवल एक कहानी नहीं बल्कि समाज के गहरे प्रश्नों पर एक बहस थी, जिसने दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया।
नाटक में मुख्य भूमिका में दिव्यानी गौतम, अनामिका रावत, विशाल चौबे, विनय कुमार, ईशा राहुल, आशुतोष पांडे, साक्षी अवस्थी,और यश आदि कलाकारों ने अपने सशक्त अभिनय से दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ी। नाटक में अग्रिम, अक्षत, प्रतीक, अमन, आर्यन और तरूण बाजपेई ने संगीत दिया।