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वीरेंद्र सहवाग की पत्नी को बिजनेस पार्टनर ने दिया धोखा, लगाया 4.5 करोड़ रुपये का चूना

भारतीय क्रिकेट के धमाकेदार बल्लेबाज रहे विरेंद्र सहवाग की पत्नी आरती ने अपने बिजनेस पार्टनर के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इसमें उन्होंने कहा कि उनके बिजनेस पार्टनर ने उनके फर्जी सिग्नेजर के जरिये 4.5 करोड़ रुपये का लोन ले लिया और अब वह चुका नहीं रहा है। इससे पहले पिछले सप्ताह ही 2.5 करोड़ रुपये के एक चेक बाउंस मामले में गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग की पत्नी आरती सहवाग 4 जुलाई को ग्रेटर नोएडा स्थित सूरजपुर जिला अदालत में पेश हुईं थीं। यहां उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया था, हालांकि इसके बाद उन्हें जमानत मिल गई थी।

बता दें कि आरती फल के विभिन्न उत्पाद बनाने वाली कंपनी एसएमजीके एग्रो प्रोडक्ट्स में साझेदार हैं। आरोप है कि इस कंपनी ने लखनपाल प्रमोटर्स एंड बिल्डर कंपनी को आर्डर पूरा नहीं करने पर गत वर्ष ढाई करोड़ रुपये का चेक दिया था जो बाउंस हो गया।लखनपाल प्रमोटर्स एंड बिल्डर के फौजदारी अधिवक्ता सूर्यप्रताप सिंह ने बताया कि कंपनी ने अशोक विहार दिल्ली स्थित एसएमजीके को रुपये जमा कराकर ऑर्डर दिया था। ये आर्डर एसएमजीके पूरा नहीं कर पाई थी। इसी कारण उन्हें लखनपाल प्रमोटर्स को रुपये वापस करने थे। दायित्व की पूर्ति के लिए एसएमजीके ने ढाई करोड़ रुपये का चेक दिया था जो बाउंस हो गया था। इस पर लखनपाल प्रमोटर्स ने कानूनी नोटिस दिया जिसका जवाब नहीं दिया गया।

वहीं, पेशी के दौरान आरती सहवाग ने कोर्ट से कहा था कि वह फर्म में रोजाना के मामले देखने के लिए वर्किंग साझेदार नहीं हैं। उन्होंने चेक पर हस्ताक्षर भी नहीं किए। इसके बाद कोर्ट ने आरती सहवाग को निजी मुचलके और एक-एक लाख के दो जमानती के शपथ पत्र देने के बाद जमानत दे दी। लखनपाल प्रमोटर्स एंड बिल्डर के फौजदारी अधिवक्ता सूर्यप्रताप सिंह ने बताया कि कंपनी ने अशोक विहार दिल्ली स्थित एसएमजीके को रुपये जमा कराकर ऑर्डर दिया था। ये आर्डर एसएमजीके पूरा नहीं कर पाई थी।

इसी कारण उन्हें लखनपाल प्रमोटर्स को रुपये वापस करने थे। दायित्व की पूर्ति के लिए एसएमजीके ने ढाई करोड़ रुपये का चेक दिया था जो बाउंस हो गया था। इस पर लखनपाल प्रमोटर्स ने कानूनी नोटिस दिया जिसका जवाब नहीं दिया गया। वहीं, पेशी के दौरान आरती सहवाग ने कोर्ट से कहा था कि वह फर्म में रोजाना के मामले देखने के लिए वर्किंग साझेदार नहीं हैं। उन्होंने चेक पर हस्ताक्षर भी नहीं किए। इसके बाद कोर्ट ने आरती सहवाग को निजी मुचलके और एक-एक लाख के दो जमानती के शपथ पत्र देने के बाद जमानत दे दी।

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