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भारी मात्रा में नशीले पदार्थों की तस्करी कर रहा पाक…

बीते छह महीने में पाक से आने वाले नशीले पदार्थों को भारी मात्रा में बरामद किया गया है. ये बरामदगी श्रीलंका, मालदीव  भारतीय तटरक्षक बलों ने की है. इससे नरेंद्र नरेन्द्र मोदी सरकार की चिंता  बढ़ जाती है, कि पाक अब हिंदुस्तान में आतंकवाद की फंडिंग के लिए ड्रग्स की तस्करी का सहारा ले रहा है. ड्रग्स में भारी मात्रा में हीरोइन शामिल है

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, पाक उन राष्ट्रों का प्रयोग हिंदुस्तान में ड्रग्स पहुंचान के लिए कर रहा है, जो उसके पड़ोस में स्थित हैं. वह इसके लिए श्रीलंका  मालदीव जैसे राष्ट्रों का सहारा ले रहा है. 10 जुलाई को भारतीय इनपुट के आधार पर श्रीलंका के तटरक्षक बलों ने 50 किलो हीरोइन बरामद की थी. ये हीरोइन पाकिस्तानी नाव में थी. इसके बाद 21 मई को भारतीय तटरक्षक बलों ने कराची रजिस्टर्ड पाकिस्तानी नाव से 218 किलो हीरोइन गुजरात के कच्छ जिले के जाखु से बरामद की थी. 194 पैकेट में ड्रग्स लाने वाले छह क्रू के सदस्यों को भी हिरासत में लिया गया था.

अच्छा इसी समय मालदीव पुलिस ने 26 मई को एक ईरान की नाव से भारी मात्रा में ड्रग्स बरामद किया था. इस नाव में एक पाकिस्तानी नागरिक सवार था. वहीं गुजरात में बरामद ड्रग्स मुद्दे में जब जाँच की गई तो पता चला कि ड्रग्स को पाक के एक नागरिकी की ओर से लाया गया था, जिसे मुंबई के रहने वाले एक शख्स को देना था. बाद में पता चला कि ये ड्रग्स दिल्ली में मोहम्मद भाई नाम के एक शख्स को दिए जाने थे.

हिंदुस्तान में आतंकवाद को फंड करने के लिए ड्रग्स का प्रयोग हो रहा है, इस बात का पता वर्ष 2010 में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से पूछताछ में सामने आया था. हेडली 26/11 मुंबई हमले के मुख्य आरोपियों में से एक है. उसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के इस ढंग का खुलासा किया था.जिसका उद्देश्य आतंक के माध्यम से हिंदुस्तान को नुकसान पहुंचाना था.

विशेषज्ञों का बोलना है कि पाक इस कार्य के लिए सिख आतंकवादियों का प्रयोग करता है, जिसमें खालिस्तान कमांडो फोर्स चीफ परमजीत पंजवार भी शामिल है. जो लाहौर में रहता है.वो कार्पेट निर्यात के बहाने से हिंदुस्तान में ड्रग्स भेजता था. पंजवार लाहौर में रहता है जबकि उसकी पत्नी  दो बेटे जर्मनी में रहते हैं. श्रीलंका के जिस रास्ते से पाक ड्रग्स हिंदुस्तान में भेजता था उसे एजेंसियों ने लाल झंडी दिखा दी है. इसका प्रयोग दक्षिण भारतीय प्रदेश केरल  तमिलनाडु के लोगों को आतंक में शामिल करने के लिए भी किया जाता है. बरामद ड्रग्स की बाजार मूल्य लाखों डॉलर में है.

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