कट्टरपंथी धार्मिक उपदेशक जाकिर नाईक के खिलाफ मलेशिया ने बड़ी कार्रवाई की है। मलेशिया ने जाकिर नाईक के सार्वजनिक उपदेश पर रोक लगा दी है। मलेशिया के इस कदम के बाद जाकिर नाईक अब वहां भाषण नहीं दे पाएगा।
जाकिर नाईक पर हिंदुओं और चीन के लोगों की भावनाएं आहत करने का आरोप है। मलेशिया पुलिस ने कहा कि राष्ट्रीय सद्भाव और लोगों के हितों के लिए जाकिर पर कार्रवाई की गई है।
इससे पहले, सोमवार को उससे 10 घंटे तक पूछताछ हुई। इसी बीच, इस पूरे मसले पर जाकिर ने माफी मांगते हुए कहा कि ‘मैं हमेशा से शांति का समर्थक रहा हूं, यही कुरान का मतलब है। पूरी दुनिया में शांति फैलाना मेरा मिशन रहा है। दुर्भाग्य से मेरे आलोचक, मेरे इस मिशन को रोकने का प्रयास कर रहे हैं।
आपने पिछले कुछ दिनों में देखा होगा कि मुझ पर देश में धार्मिक नस्लीय जहर फैलाने के आरोप लगाए जा रहे हैं और मेरे आलोचक कुछ सिलेक्टिव बातों को उठा रहे हैं। आज मैंने पुलिस के सामने अपना पक्ष रखा है।’ जाकिर नाईक मलेशिया में दिक्कतें बढ़ने के बाद अब कानूनी दाव पेंच की आड़ ले रहा है।
आपको बता दें कि मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मुहम्मद तीन दिन पहले ये बयान दे चुके हैं कि अगर यह साबित हो गया कि नाईक की गतिविधियां मलेशिया के लिए नुकसानदेह हैं तो उसका स्थायी निवासी (परमानेंट रेज़िडेंट) दर्जा वापस लिया जा सकता है। मलेशियाई पुलिस नाईक के मलेशिया के अल्पसंख्यकों के खिलाफ दिए बयान की जांच कर रही है।
स्थानीय अखबार ‘मलय मेल’ की रिपोर्ट के मुताबिक नाईक ने एक लॉ फर्म के जरिए पेनांग के उपमुख्यमंत्री (2) पी रामासामी, बगान डलाम असेंबली के सदस्य सतीस मुनिआंदी, पूर्व राजदूत दातुक डेनिस इगनेटियस और कलांग के सांसद चार्ल्स सेंटियागो के खिलाफ सोमवार को नोटिस भेजा। इस नोटिस में कहा गया है कि ये चारों लोग समुचित मुआवजे के साथ माफी मांगें अन्यथा दो दिन में अवमानना का केस झेलने के लिए तैयार रहें।