लखनऊ. सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को प्रदेश सरकार की मुखबिर योजना लांच कर महिला सशक्तिकरण मिशन को बढ़ावा देने का काम किया। इस योजना के तहत अब कन्या भ्रूण हत्या की जानकारी देने वाले को सरकार दो लाख रुपये का इनाम देगी।
चलेगी रेस्क्यू वैन:
इस योजना के तहत अब प्रदेश भर जिलों में 64 रेस्क्यू वैन चलेंगी जो महिलाओं की मदद करेंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में ये योजना लांच की।इस मौके पर उन्होंने कहा कि समाज में भेदभाव के बावजूद आज बेटियां अच्छा कर रही हैं। हमें परिवार में बेटियों को बराबरी का दर्जा देना होगा। ये योजना महिलाओं को सुरक्षा देगी। उन्होंने इस योजना को इतनी बड़ी संख्या में जिलों तक पहुंचाने के लिए कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी व राज्यमंत्री स्वाति सिंह की प्रशंसा की।
उन्होंने मेधावी छात्र सम्मान का जिक्र करते हुए कहा कि यूपी सरकार द्वारा सम्मानित होने वाले 147 विद्यार्थियों में 99 बेटियां थीं। वो भेदभाव के बाद भी अच्छा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के महिलाओं के लिए किए जा रहे काम को प्रचारित करने की भी कहा कि समाज से भेदभाव कैसे दूर हो इस पर भी हमें ही प्रयास करना है।
क्या है मुखबिर योजना:
यूपी सरकार ने कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए ‘मुखबिर’ योजना लांच की है। इस योजना के तहत भ्रूण लिंग की पहचान बताने वाले नर्सिंग होम व अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर शिकंजा कसा जाएगा।
सूचना देने वाले को मिलेंगे 2 लाख:
इनके बारे में सूचना देने व इन्हें पकड़वाने वालों को सरकार दो लाख रुपये तक का पुरस्कार देगी। प्रदेश में घटते लिंगानुपात से सरकार काफी चिंतित है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 में स्थिति और भी भयावह है। प्रदेश में लिंगानुपात 922 से घटकर अब 903 पर आ गया है।
यानी एक हजार लड़कों पर सिर्फ 903 लड़कियां ही हैं। इसे देखते हुए योगी सरकार ‘मुखबिर’ योजना शुरू करने जा रही है। योजना के तहत तकनीक का दुरुपयोग कर भ्रूण लिंग का परीक्षण कर बेटियों को जन्म लेने से रोकने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह योजना पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत शुरू की जा रही है।
अल्ट्रसाउंड सेंटर और नर्सिंग होम पर होगी कार्यवाही:
‘मुखबिर’ योजना के तहत प्रदेश के उन अल्ट्रासाउंड सेंटरों और नर्सिंगहोम को चिह्नित किया जाएगा जो गर्भवती महिलाओं में कन्या भ्रूण होने की जानकारी साझा करते हैं, इनके खिलाफ विधिक कार्यवही भी की जाएगी। इस योजना में ऐसे लोगों को पकड़वाने में एनजीओ की भी मदद ली जाएगी।