राजधानी के 12 निजी स्कूलों को 9 फीसदी ब्याज के साथ बढ़ी हुई फीस लौटानी होगी. कोर्ट की ओर से गठित कमेटी ने जुलाई-अगस्त की अंतरिम रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय को सौंप दी है. शिक्षा निदेशालय ने क्षेत्रीय निदेशकों से अनुरोध किया है कि वे इन 12 स्कूलों को आवश्यक आदेश जारी करें. शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी क्षेत्रीय निदेशकों को इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया है. इसमें कहा कि पूर्व की अनिल देव सिंह कमेटी ने जून 2016 से जून 2019 तक दस अंतरिम रिपोर्ट दे चुकी है, जिसमें स्कूलों को 9 फीसदी ब्याज के साथ फीस वापस करने की सिफारिश की थी.
अब दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से गठित कमेटी ने अपनी जुलाई-अगस्त 2019 की मासिक अंतरिम रिपोर्ट सौंपी है. इसमें समिति ने 12 और निजी स्कूलों को पहचान की है जो प्रति वर्ष 9 फीसदी ब्याज के साथ शुल्क वापस करेंगे. ऐसे में निदेशालय ने संबंधित क्षेत्रीय निदेशकों से अनुरोध किया है कि वे इन 12 स्कूलों को समिति की सिफारिशों के आधार पर आवश्यक आदेश जारी करें. यह सुनिश्चित किया जाए कि समिति की सिफारिशों का पालन हो. साथ अनुपालन रिपोर्ट भी प्रस्तुत करें. गौरतलब है कि फीस बढ़ाने की जरूरत जांचने के लिए बनी समिति समय-समय पर स्कूलों की फीस की समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट देती है.
• सेंट पॉल स्कूल (सफदरजंग)
• भाई परमानंद विद्या मंदिर (सूर्या निकेतन)
• जैन भारती मॉडल स्कूल (रोहिणी)
• सचदेवा पब्लिक स्कूल (सेक्टर-13 रोहिणी)
• सेंट ग्रीगोरियस स्कूल (सेक्टर-11 द्वारका)
• हंसराज मॉडल स्कूल (पंजाबी बाग)
• एयर फोर्स बाल भारती स्कूल (लोदी रोड)
• वंदना इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल (द्वारका)
• सेंट मैरी स्कूल (सफदरजंग एन्कलेव)
• सेंट कोलंबो पब्लिक स्कूल (पीतमपुरा)
• बीजीएस इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल (द्वारका)
• कोलंबिया फाउंडेशन सीनियर सेकेंडरी स्कूल (विकास पुरी)