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लोकसभा में वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे और जेएनयू के छात्रों पर पुलिस के कथित बल प्रयोग का मुद्दा…

लोकसभा में बुधवार को देश भर में वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे और जेएनयू के छात्रों पर पुलिस के कथित बल प्रयोग का मुद्दा उठा। निचले सदन में शून्यकाल के दौरान आईयूएमएल के ई. टी. मोहम्मद बशीर ने कहा कि देश भर में हजारों की संख्या में वक्फ संपत्तियों का अवैध अतिक्रमण किया गया है लेकिन सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

उन्होंने सरकार से वक्फ की इन संपत्तियों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने की मांग की। आरएसपी के एन. के. प्रेमचंद्रन ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में शुल्क वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर किये गये पुलिस के कथित बलप्रयोग की घटना का जिक्र करते हुए सवाल किया, ”देश में छात्र समुदाय के साथ यह कैसा बर्ताव किया जा रहा है।” तृणमूल कांग्रेस की शताब्दी राय ने उन्हें विदेश जाने की अनुमति देने से सरकार के कथित तौर पर इजाजत नहीं देने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ”हाल ही में उन्हें अपने पेशे से जुड़े फिल्म समारेाह में हिस्सा लेने के लिये चीन जाना था। इसके लिये उन्हें गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेने को कहा गया।”उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें वीजा तो मिल गया लेकिन विदेश मंत्रालय ने विदेश जाने की इजाजत नहीं दी।

राय ने कहा कि इसलिए वह इस पर जवाब देने की मांग कर रही है । उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) चीन के राष्ट्रपति के साथ तस्वीरें खिंचवा रहे थे लेकिन उन्हें :राय: चीन जाने की इजाजत नहीं दी गई। सदन में उनके प्रधानमंत्री संबंधी उल्लेख पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और भाजपा सदस्यों ने आपत्ति जताई। वहीं, स्पीकर ओम बिरला ने तृणमूल कांग्रेस सदस्य से कहा कि यहां इस तरह की टिप्पणी नहीं करें। इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत राय भी अपनी पार्टी की सदस्य के समर्थन में खड़े दिखे।

भाजपा सदस्य शंकर लालवाणी ने करतारपुर गलियारा से होकर जाने वाले सिख श्रद्धालुओं के लिये पासपोर्ट की अनिवार्यता खत्म करने और सेवा शुल्क हटाने के लिये केंद्र सरकार से शीघ्र कदम उठाने का अनुरोध किया। भाजपा के ही हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान की सांभर झील में हाल ही में प्रवासी पक्षी साईबेरियाई सारस की बड़ी संख्या में मौत होने का जिक्र करते हुए कहा कि 17,000 से अधिक पक्षी (साइबेरियाई सारस) काल कवलित हो गये।

15 दिन बीत जाने के बाद भी उनकी मौतों के कारणों को पता नहीं चल पाया है।उन्होंने इसकी जांच के लिये केंद्र से एक टीम भेजने की मांग की। एआईएमईआईएम सदस्य इम्तियाज जलील ने महाराष्ट्र में सड़क मार्ग से शिरडी जाने वाले वाले श्रद्धालुओं की सुगम यात्रा के लिये राज्य में औरंगाबाद और शिरडी को एक ”सुपर एक्सप्रेस वे” से जोड़ने की मांग की। भाजपा के सुशील सिंह ने दिव्यांगों, वृद्ध जनों और विधवाओं को पेंशन नहीं मिल पाने का मुद्दा उठाते हुए कहा, ”जब कभी सर्वेक्षण में किसी तकनीकी कारण से इनका नाम छूट जाता है तो छूटे हुए योग्य लाभार्थियों का नाम उसमें जोड़ने का अधिकार स्थानीय विधायकों, सांसदों और अन्य जन प्रतिनिधियों को भी दिया जाना चाहिए। इससे करोड़ गरीब लोगों को फायदा होगा।”समाजवादी पार्टी के सदस्य एस टी हसन ने मुरादाबाद के कारीगरों की समस्याओं का उल्लेख करते हुए कहा, ”इनकी भट्ठियां तब तक बंद नहीं की जाएं, जब तक कि उन्हें पीएनजी गैस नहीं मिल जाती है।”भाजपा के नीतेश गंगादेब ने धान की कीमतें स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों के अनुसार तय करने की मांग की। केरल कांग्रेस (एम) के थॉमस चाझीकदन ने हिंदुस्तान न्यूजप्रिंट लिमिटेड में कार्यरत कर्मचारियों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इन लोगों को पिछले एक साल से वेतन नहीं मिला है। उन्होंने कहा, ”इस उद्योग से 5,000 लोग जुड़े हुए हैं।

इसलिये शीघ्र उनका वेतन जारी करने का निर्देश दिया जाए।” भाजपा के सुभाष सरकार ने कोलकाता के अस्पतालों में आधे रोगियों की संख्या डेंगू से पीड़ित मरीजों के होने का दावा किया।वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि पश्चिम बंगाल देश में एकमात्र ऐसा राज्य है जहां की मुख्यमंत्री के पास स्वास्थ्य विभाग का प्रभार है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने डेंगू से राज्य में 23 मौतें होने की पुष्टि खुद की है, इसलिये, सदन को इस बारे में भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए। उनके अलावा जदयू के दिनेश चंद्र यादव, भाजपा के राहुल कासवान एवं जर्नादन सिगरीवाल, राकांपा की सुप्रिया सुले, द्रमुक की कनिमोई, के ई एन अन्नादुरई एवं जी एस पोन, बसपा की संगीता आजाद, कांग्रेस के वी वैतीलिंगम एवं एच वसंतकुमार, वाईएसआर कांग्रेस के पी वी एम रेड्डी के जी माढर और जी माधवी, निर्दलीय सदस्य मोहन एस देलकर ने भी अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों से जुड़े मुद्दे उठाये।

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