पाकिस्तान क्रिकेट टीम के प्रतिबंधित लेग स्पिनर दानिश कनेरिया ने शुक्रवार को कहा कि जब वह खेला करते थे, तब कुछ खिलाड़ी थे जो हिन्दू होने के कारण उन्हें निशाना बनाते थे लेकिन उन्होंने कभी धर्म बदलने की जरूरत नहीं समझी या दबाव महसूस नहीं किया।
स्पॉट फिक्सिंग के लिए आजीवन प्रतिबंध झेल रहे कनेरिया ने कहा कि कुछ खिलाड़ी पीठ पीछे उनको लेकर टिप्पणियां करते थे। उन्होंने कहा, ‘मैंने कभी इसे मुद्दा नहीं बनाया। मैंने केवल उन्हें नजरअंदाज किया क्योंकि मैं क्रिकेट पर और पाकिस्तान को जीत दिलाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहता था। मुझे हिन्दू और पाकिस्तानी होने पर गर्व है। मैं यह साफ करना चाहता हूं कि पाकिस्तान में हमारे क्रिकेट समुदाय को नकारात्मक तरीके से पेश करने की कोशिश न करें क्योंकि बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्होंने मेरा पक्ष लिया और मेरे धर्म के बावजूद मेरा समर्थन किया।’
कनेरिया से जब एक ईसाई से मुसलिम बने पूर्व बल्लेबाज मुहम्मद यूसुफ (पहले यूसुफ योहाना) के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘मुहम्मद यूसुफ ने जो किया यह उनका निजी फैसला था, मुझे कभी धर्म परिवर्तन की जरूरत महसूस नहीं हुई क्योंकि मेरी इसमें आस्था है और कभी मुझ पर दबाव भी नहीं बनाया गया।’ कनेरिया ने अख्तर की टिप्पणी आने के बाद भेदभाव की बात स्वीकार की थी और कहा था कि वह नामों का रहस्योद्घाटन करेंगे, लेकिन अब उन्होंने नरम रवैया अपनाया।
उन्होंने कहा, ‘शोएब भाई ने जो कहा, उन्होंने उसे सुना होगा या किसी ने उन्हें बताया होगा लेकिन मैंने शीर्ष स्तर पर पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया है और मुझे उस पर गर्व है। जब मैं क्रिकेट में आया तो मैं शुरू से ही शीर्ष स्तर पर पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करना चाहता था और मैंने ऐसा किया।’ कनेरिया ने साफ किया कि पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक ने हमेशा उनका समर्थन किया। उन्होंने कहा, ‘इंजमाम ने मुझे मैच विजेता कहा था। मैं कह सकता हूं कि कई संस्थानों ने मेरे करियर को संवारने में मेरी मदद की। मुझे पाकिस्तानी होने पर गर्व है।’