राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि प्रदेश सरकार वास्तविक धरातल पर सुधार और विकास का प्रयास करने में रूचि नहीं रखती। केवल भविष्य वक्ता के रूप में प्रदेश की जनता को भविष्य में ही जीने पर केन्द्रित रखना चाहती है। प्रदेश के बेरोजगारों को इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से सब्जबाग दिखाकर भविष्य में ही बात की गयी कि हजारों करोड़ के निवेश से सम्बन्धित एम.ओ.यू हस्ताक्षरित हो गये हैं निवेश आयेगा लाखों नौकरियां मिलेगी। वर्तमान की रोजी रोटी की तलाश में लाखों युवक अपना जीवन बर्बाद कर रहे हैं जिसकी कोई चिंता नहीं है।
त्रिवेदी ने कहा कि वर्ष 2017 में सरकार के गठन के पष्चात मुख्यमंत्री जी ने नाम बदलने की प्रक्रिया प्रारम्भ की जिसमें इलाहाबाद, फैजाबाद, मुगलसराय, जिलों के बाद इकाना स्टेडियम का नाम बदला गया और भी बहुत से नाम भाजपा के कर्णधारों के पास होंगे इसी कड़ी में अब मुख्यमंत्री जी पौराणिक नदीं घाघरा का भी नाम परिवर्तन का प्रस्ताव कर चुके हैं जोकि अब सरयू होगा। कहीं ऐसा न हो कि भारतीय जनता पार्टी केन्द्र सरकार द्वारा करायी जा रही देवताओं की नदीं गंगा की सफाई के बहाने गंगा का नाम भी बदलकर मोदी नदीं करने का प्रस्ताव भी प्रदेश सरकार द्वारा न पास कर दिया जाय। शायद भाजपा सरकार के राज में नाम बदलना ही विकास है और भक्तों को मोदी मोदी करके ही अच्छे दिन लाने के लाॅलीपाप दिखाना है।
रालोद प्रदेश प्रवक्ता ने योगी सरकार को नसीहत देते हुये कहा कि नाम बदलने की प्रक्रिया छोडकर वास्तविक धरातल पर कार्य करना प्रारम्भ करें, ताकि रोजमर्रा की चीजों पर मंहगाई की मार से जनता बच सके और शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ साथ बेरोजगारी की समस्या दूर हो सके। प्रदेश के युवाओं को रोजगार देकर सही रास्ता चुनने के लिए मार्ग प्रश्स्त करना सरकार का प्रथम दायित्व है जिसे निभाने में सरकार नाकाम रही।