पश्चिम बंगाल में 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी की राज्य इकाई पार्टी में बड़े फेरबदल की तैयारी में है। पार्टी ने संगठन को पुन: सशक्त बनाने के लिए निष्क्रिय नेताओं को महत्वपूर्ण पदों से हटाने और पार्टी में युवा एवं सक्षम नेताओं को लाने का फैसला किया है।
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि प्रदेश इकाई अपने सभी पदाधिकारियों के प्रदर्शन का आकलन कर रिपोर्ट तैयार कर रही है जिसके आधार पर वह फैसला करेगी कि उन्हें अगली समिति में जगह दी जाएगी या नहीं।
उन्होंने बताया कि जो समिति में रहना चाहते हैं, उनके लिए पिछले दो महीने में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थन में प्रदर्शन के दौरान राज्य के नेताओं की भागीदारी एक मुख्य कसौटी होगी।
उन्होंने कहा कि पार्टी बेहतर समन्वयन और कार्य के लिए अपने जिला स्तरीय संगठन को भी पुन: सशक्त करेगी। दिलीप घोष को लगातार दूसरी बार पार्टी की राज्य इकाई का अध्यक्ष चुने जाने के कुछ दिनों बाद यह कदम उठाया जा रहा है।
राज्य समिति में बदलाव किये जाने की पुष्टि करते हुए घोष ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा के बाद अंतिम सूची तैयार की जाएगी। समिति में नये चेहरों को शामिल करने के संबंध में पूछे जाने पर घोष ने कहा, “कुछ दिनों का इंतजार करें, सब चीजें साफ हो जाएंगी।”
प्रदेश बीजेपी के एक सूत्र ने बताया कि जनवरी में घोष के पुन: निर्वाचन के बाद, केंद्रीय नेताओं की उपस्थिति में हुई पार्टी की बैठक में फैसला किया गया था कि नये एवं युवा नेताओं की जगह बनाने के लिए निष्क्रिय नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से प्रतिभाओं को लाकर राज्य समिति में जगह देगी।