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सरयू नदी के किनारे जमथरा माझा में दिखेगी रामायण कालीन झलक, पंचवटी द्वीप का निर्माण अंतिम चरण में

अयोध्या। रामायण के सभी सात कांडों की झलक आपको सरयू नदी के किनारे उस पंचवटी दीप में देखने को मिलेगी जिसे बनारस का निलयम संस्था करा रही है। सरयू नदी के किनारे जमथरा माझा में बिना किसी चर्चा के रामायण आधारित पंचवटी द्वीप आकार लेने लगा है। तुलसीदास कृत रामायण के सातों कांडों का दृश्य इसमें आडियो- वीडियो के माध्यम से राम अनुभव केंद्र में देखने को मिलेगा।

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सरयू नदी के किनारे जमथरा माझा में दिखेगी रामायण कालीन झलक, पंचवटी द्वीप का निर्माण अंतिम चरण में

रामवनगमन पथ पर रामायणकालीन वनस्पतियों के पौधे लगाकर त्रेतायुग की याद दिलाने का प्रयास है। रामचरित मानस व वाल्मीकि रामायण में वर्णित कल्पवृक्ष,सीता अशोक व हरिशंकरी के पौधे आदि पंचवटी द्वीप में लगे होने से त्रेता की यादें ताजा होंगी। लगभग 10 हजार रामायण कालीन पौधे अब तक लग चुके हैं।

पंचवटी द्वीप जमथरा माझा के उस क्षेत्र में तैयार हो रहा है जिसमें पहले बड़ी-बड़ी झाड़ियां उगी रहती थीं। रात में अब वह सोलर लाइट के प्रकाश से जगमगाने लगा है। अयोध्या विकास प्राधिकरण से 75 एकड़ भूमि लीज पर लेकर बनारस की श्री नियलम संस्था इसे अंतिम रूप देने में लगी है।

श्रद्धालुओं व पर्यटकों दोनों के लिए इसे तैयार किया जा रहा है। रुकने के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस टेंट सिटी में 27 काटेज होंगे। इन विशेषताओं के साथ पंचवटी द्वीप में शादी का आयोजन भी हो सकेगा। नेशनल मिशन गंगा कमेटी दिल्ली (एनएमसीजी) से सिर्फ इसके शुरू होने के लिए अनापत्ति का इंतजार है। निलयम संस्था उसके लिए आवेदन कर चुकी है।

सरयू नदी के किनारे जमथरा माझा में दिखेगी रामायण कालीन झलक, पंचवटी द्वीप का निर्माण अंतिम चरण में

नये वर्ष में इसके शुरू होने की संभावना है। द्वीप में श्रद्धालु अगर योगाश्रम, साधना ग्राम आसन लगाएंगे तो बच्चों के लिए किड्स प्ले जोन व युवाओं के लिए एडवेंचर जोन होगा। गुप्तारघाट पर निलयम संस्था का जो एडवेंचर वाटर स्पोर्ट्स संचालित है,उसे अब पंचवटी द्वीप के उस पार ले जाने की तैयारी है। द्वीप में घुड़सवारी, ऊंट व हाथी की सवारी का मजा भी लिया जा सकेगा।

सरयू नदी के किनारे जमथरा माझा में दिखेगी रामायण कालीन झलक, पंचवटी द्वीप का निर्माण अंतिम चरण में

पहले चरण में इसे करीब 40 एकड़ में विकसित किया जा रहा है। बाद में जरूरत के हिसाब से अन्य सुविधाओं के साथ बचे क्षेत्र का विकास किया जाएगा। परियोजना प्रबंधक यादवेंद्र प्रताप की मानें तो पंचवटी द्वीप की तैयारी अंतिम चरण में है। ये सिर्फ बरसात के सीजन जून से सितंबर तक यह बंद रहेगा।

रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह

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