लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिए जाने के संबंध में बैठक आहूत की गई। बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में असीम सम्भावनाएं हैं। पर्यटन प्रदेश में आर्थिक और रोजगार का महत्त्वपूर्ण साधन है, इसे ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश में पर्यटन नीति-2022 को मंजूरी प्रदान की गई है।
नई पाॅलिसी के तहत प्रदेश में निवेश करने वाले उद्यमियों को कई तरह के अनुदान देने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने सबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि पाॅलिसी के तहत निवेशकों को प्राप्त होने वाले अनुदान के संबंध में शासनादेश एक सप्ताह के भीतर निर्गत कर दिया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में जितने ज्यादा होटल खुलेंगे उतना ही फूट्फाॅल बढ़ेगा, इसलिए होटल इंडस्ट्री को प्रमोट किया जाए। उन्होंने कहा कि निवेशकों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। समय-सारिणी बनाते हुये प्रत्येक स्तर पर जवाबदेही तय की जाए। पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी व डिजिटल बनाया जाए। एक पोर्टल तैयार किया जाए, जिसपर सभी मानक विजिबल होने चाहिए।
उल्लेखनीय है कि पर्यटन नीति-2022 के तहत पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत पंजीकृत एवं वर्गीकृत होटल ही रियायत और प्रोत्साहन के पात्र होंगे। बैठक में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम, एमडी पावर कारपोरेशन पंकज कुमार समेत अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।