प्रयागराज: संगम नगरी प्रवेश करते ही आपको आस्था, श्रद्धा, सामाजिक समरसता और सद्भाव के रूप दिखने को मिलने लगेंगे। कुंभ के विशेष स्नानों में से एक या यूं कहें कि कुंभ का सबसे प्रमुख स्नान मौनी अमावस्या पर त्रिवेणी में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं का रेला महाकुंभ मेला पहुंच रहा है।
लगभग हर दिशा से आने वाले वाहनों को मेला क्षेत्र से तकरीबन 20-25 किमी पहले ही रोक लिया जाता है, ताकि यातायात व्यवस्था किसी भी तरह से प्रभावित न हो। ऐसे में श्रद्धालु पैदल ही संगम क्षेत्र पहुंच रहे हैं। रविवार को धूप निकलने से पारा चढ़ा तो पैदल चल रहे यात्रियों का गला प्यास से सूखने लगा।
ऐसे में कानपुर की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहन बमरौली में पार्क कराए गए तो लोग पैदल ही संगम के लिए चल दिए। ऐसे में मुस्लिम समुदाय के लोग आगे आए। सामाजिक सद्भाव का उदाहरण बन उन्होंने लोगों को न सिर्फ पानी पिलाया, बल्कि चाय के साथ बिस्किट के पैकेट भी वितरित किया।
मोहम्मद राशिद और उनके साथ इस सामाजिक काम में लगे लोगों ने बताया कि यह हमारा सौभाग्य है, जो हम इस पावन संगम की धरती पर लोगों की सेवा कर पा रहे हैं। हम सब भाई भाई हैं। हम लोगों के दिल में बसना चाहते हैं।