पेरिस खेलों के उद्घाटन समारोह में ध्वजवाहक रहे अचंता ने संकेत दिए हैं कि वह प्रशासक के तौर पर खेल से जुड़े रह सकते हैं। भारत के दिग्गज टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंता शरत कमल का प्रदर्शन पेरिस ओलंपिक में अच्छा नहीं रहा था। वह अपना आखिरी ओलंपिक खेल चुके हैं, लेकिन वह इसे यादगार नहीं बना सके थे। शरत कमल को पेरिस ओलंपिक खेलों में पुरुष एकल के शुरुआती दौर में स्लोवेनिया के डेनी कोज़ुल से 2-4 से हार का सामना करना पड़ा था। टीम स्पर्धा में शरत, हरमीत देसाई और मानव ठक्कर प्री क्वार्टर फाइनल में चीन से 0-3 से हार गए थे।
महासंघ या साई के साथ कार्य करने पर शरत की नजरें
कमल ने बुधवार को अल्टीमेट टेबल टेनिस (यूटीटी) के लॉन्च के अवसर पर कहा, अभी तक स्पष्ट रूप से तय नहीं किया है कि मेरा आगे का रोडमैप क्या होगा। लेकिन मैं महासंघ के साथ बात करूंगा और अपने परिवार के साथ भी तय करूंगा कि आगे क्या करना है। लेकिन, मैं खेल के साथ जुड़ा रहूंगा और संभवत: महासंघ या भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) में कोई पद लेकर खेल को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दूंगा।
‘मुझे किसी तरह का पछतावा नहीं’
शरत ने अपनी ओलंपिक यात्रा के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया और इसलिए उन्हें किसी तरह का पछतावा नहीं है। उन्होंने कहा, एकमात्र अंतर मानसिकता का था क्योंकि मुझे पता था कि यह मेरा आखिरी ओलंपिक होगा। मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का प्रयास किया। मैंने अच्छी तैयारी की थी और मुझे किसी तरह का पछतावा नहीं है। मैं जिस तरह से खेला उससे वास्तव में खुश हूं।