लखनऊ। वकील शिशिर त्रिपाठी हत्याकांड मामले को लेकर राजधानी में बवाल जारी है। वकील की निर्मम हत्या के के विरोध में गुरुवार को लखनऊ बार एसोसिएशन और सेंट्रल बार एसोसिएशन ने कार्य का बहिष्कार किया। इसके साथ ही वकीलों ने अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी की मांग भी की है। जबकि इस मर्डर में शामिल तीन आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अपनी एक टीम को बरेली भेजा है। हालांकि मुख्य आरोपी मोनू तिवारी को जेल भेज दिया गया है।
आपको बता दें बीते बुधवार को वकील शिशिर त्रिपाठी की सरेआम हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने वारदात के पीछे पुरानी रंजिश बताया है। पुलिस के मुताबिक, हमलावरों ने शिशिर पर ईंट, पत्थर और डंडों से वार किया। जिसके विरोध में अधिवक्ताओं ने रोड पर जमकर प्रदर्शन किया। वहीं वारदात के बाद प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव अधिवक्ताओं के बीच पहुंचे। उन्होंने सांत्वना देते हुए सरकार से 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग भी की है।
वहीं बार एसोसिएशन ने अपर जिला अधिकारी, एडीएम पश्चिमी वैश को पत्र के माध्यम से एक ज्ञापन सौंपा है. हमारी उसमें तीन मुख्य मांगे थी। मृतक वकील के परिवार की सुरक्षा बढाई जाए। एसोशिएशन की ओर से जारी पत्र में ये भी कहा गया है कि सरकार मृतक के परिजनों को 20 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दे। जानकारी के मुताबिक अभी कुछ दिन पहले प्रयागराज में भी ऐसी ही घटना हुई थी जिसमें वकील सनाउल्लाह की धारधार हथियार से निर्मम हत्या कर दी गई थी। वकीलों ने इस निर्मम हत्या के खिलाफ भी सरकार से कार्रवाई करने की मांग की है। बार एसोसिएशन ने इन हत्याओं के खिलाफ गुरुवार को कार्य बहिष्कार करने का ऐलान किया है।