नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हैदराबाद की एक अवैध इंटरनेट फार्मेसी के खिलाफ ड्रग्स तस्करी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई की है। ईडी ने बुधवार को बताया कि जांच के तहत उसने मध्य प्रदेश में जमीन और करीब 8 करोड़ रुपये की बैंक जमा राशि कुर्क की है।
ईडी ने बताया कि जेआर इनफिनिटी प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कार्रवाई की गई है। ईडी के अनुसार, हैदराबाद कार्यालय द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत फार्मेसी, उसके प्रमोटर आशीष जैन और परिवार के सदस्यों की संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क करने का आदेश जारी किया है।
पहले एनसीबी ने दर्ज की थी शिकायत
बता दें कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने जेआर इनफिनिटी प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मई 2022 में शिकायत दर्ज की थी। फर्म पर अवैध इंटरनेट फार्मेसी चलाने का आरोप लगाया गया था। जिसके बाद मामले की ईडी ने जांच शुरू की। जांच के दौरान संघीय एजेंसी को अवैध इंटरनेट फार्मेसी चलाने की शिकायत सही मिली।
इन साइकोट्रोपिक पदार्थों का किया निर्यात
ईडी ने बताया जेआर इनफिनिटी द्वारा अल्प्राजोलम, जोलपिडेम, लोराजेपम, क्लोनाजेपम, हाइड्रोकोडोन और ऑक्सीकोडोन जैसे साइकोट्रोपिक पदार्थों को टैबलेट के रूप में निर्यात किया जा रहा था। एजेंसी ने दावा किया कि फर्म ने टेलीमार्केटिंग कॉल सेंटर सेवाएं और ‘सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन’ सेवाएं प्रदान करने की आड़ में ऐसा किया। ईडी द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया के लिए आरोपी या उसके परिवार से तुरंत संपर्क नहीं किया जा सका।
विदेशी ग्राहकों को निर्यात किए साइकोट्रोपिक पदार्थ
ईडी का आरोप है कि जेआर इनफिनिटी के प्रमोटर आशीष जैन ने नारकोटिस्क डंग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंट एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। जैन ने विदेशी ग्राहकों को अवैध रूप से अल्प्राजोलम, ट्रामाडोल, डायजेपाम आदि जैसे साइकोट्रोपिक पदार्थों का निर्यात करने के लिए जेआर इनफिनिटी प्राइवेट लिमिटेड को शामिल किया। इस तरह जैन ने अपराध से आय अर्जित की।