रायबरेली। उद्योग व्यापार मंडल ने National heritage राष्ट्रीय धरोहरों के निजी क्षेत्र को सौंपें जाने के विरोध में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा। व्यापार मंडल ने मांग की कि 125 करोड़ देशवासियो की राष्ट्रीय भावना एवं देश की ऐतिहासिक धरोहरों के मूल रूप को संरक्षण प्रदान करने की दिशा में हस्तक्षेप करने की कृपा करें।
National heritage को निजी क्षेत्र में देना अस्मिता के साथ खिलवाड़ : आशीष
जिलाध्यक्ष व कांग्रेसी नेता आशीष द्विवेदी ने कहा कि केंद्रीय सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा National heritage राष्ट्रीय धरोहर एवं स्वतंत्रता संग्राम का साक्षी लालकिला, जो की राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक होने के साथ ही स्वतंत्रता संग्राम के नायकों का संग्रहालय भी है, को भाजपा सरकार द्वारा कुछ करोड़ के मुनाफे मात्र के लिए निजी क्षेत्र को सौंपा जाना राष्ट्रीय भावना से खिलवाड़ है।
श्री द्विवेदी ने कहा की लालकिला प्रांगण में स्थित मुमताज महल संग्रहालय व स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय का बंद किया जाना एवं उनका मूल रूप समाप्त कर नए स्थान पर स्थानांतरण किये जाने की योजना, ऐतिहासिक धरोहरों के मूलरूप पर कुठाराघात है। जबकि संग्रहालय में स्वतंत्रता संग्राम की महानायिका रानी लक्ष्मीबाई, बहादुरशाह जफर के उपस्थित दृश्य युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणात्मक एवं देश का गौरवशाली इतिहास हैं।
लालकिला आजादी की लड़ाई लड़ने वाली आजाद हिन्द फौज के अधिकारियों के मामले की सुनवाई का साक्षी है ऐसे में लालकिले को बेचना राष्ट्रीय अस्मिता से खिलवाड़ है : आशीष द्विवेदी
इस अवसर पर शम्भूरतन बाजपेयी, सतीश वर्मा, जीतेन्द्र सिंह, सत्रोहन सोनकर, अमनदीप सिंह बग्गा, अब्दुल वाहिद, सुरेश चौधरी, मो. आरिफ, अखिलेश श्रीवास्तव, अजीत सिंह, दोस्त मोहमद रायनी, मनोज सोनकर, दिलदार रायनी, उपकार सोनकर, राजीवराज, मनोज पाठक, आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट – दुर्गेश मिश्रा