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अपनाओ कोविड अनुरूप व्यवहार, त्योहारों का रंग रहे बरक़रार, मास्क दो गज की दूरी व हाथों की सफाई अब भी है जरूरी

औरैया। रविवार को रक्षाबंधन के एक बड़े त्योहार के साथ अगले तीन-चार महीने प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में त्योहारों की धूम रहेगी। कृष्ण जन्माष्टमी, शिक्षक दिवस, नवरात्र/दशहरा, ईद, दीपावली, बाल दिवस और क्रिसमस जैसे बड़े पर्व इसी दौरान मनाये जायेंगे। खास बात यह है कि इन त्योहारों को अपने घर-परिवार और समुदाय के बीच मनाने की खास परम्परा रही है किन्तु कोरोना के चलते इसमें विशेष सावधानी बरतने के साथ ही कुछ जरूरी बदलाव लाने की भी जरूरत है ताकि त्योहारों का रंग आगे भी पूरी तरह से बरकरार रहे। इसके अलावा समुदाय को कोरोना की संभावित तीसरी लहर से भी महफूज बनाया जा सके। इसके लिए जरूरी है कि अगर आप 18 साल से अधिक उम्र के हैं और अभी तक कोविड का टीका नहीं लगवाये हैं तो बगैर विलम्ब किये जल्द से जल्द टीका लगवा लें और त्योहारों की धूम में भी मास्क, दो गज की दूरी और हाथों की स्वच्छता का पूरा ख्याल रखें।

अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद का कहना है कि सरकार का भी पूरा प्रयास है कि कोरोना की तीसरी लहर जैसी स्थिति उत्पन्न ही न हो, इसके लिए ज्यादा से ज्यादा कोविड टीकाकरण व कोविड अनुरूप व्यवहार के बारे में समुदाय को जागरूक किया जा रहा है। उनका कहना है कि रक्षा बंधन पर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी जरूर बांधें किन्तु कोविड अनुरूप व्यवहार का पूरा ख्याल रखते हुए। इस दौरान वह मास्क का इस्तेमाल तो करें ही साथ ही राखी बाँधने से पहले साबुन-पानी से हाथों की सफाई करना या सेनेटाइज करना कतई न भूलें। कोशिश रहे कि बाजार की मिठाई की जगह पर घर ही कुछ मीठा बना लें। रक्षाबंधन पर यात्रा के दौरान भी खास सतर्कता बरतें और कोशिश करें कि इस दौरान छोटे बच्चों को साथ लेकर लम्बी यात्रा न करें क्योंकि कोरोना की संभावित तीसरी लहर का सबसे अधिक असर उन्हीं पर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। इसलिए हम सभी ऐसा उपाय करें कि देश में तीसरी लहर की स्थिति ही न बन सके।

अपर मुख्य सचिव का कहना है कि इसी तरह से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व नवरात्र पर भी पूजा पंडालों में न जाकर घर पर ही पूजा-पाठ को प्राथमिकता देना चाहिए। बुजुर्ग, गर्भवती और बच्चों को तो खास तौर पर भीडभाड़ वाले स्थानों जैसे – पूजा पंडाल और मेला आदि में शामिल होने से बचना चाहिए क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के चलते संक्रमण की जद में जल्दी आने की सम्भावना रहती है।

घर पर बनी वस्तुओं से खुशियाँ बाँटें : मिठाइयों और पकवानों के लिए प्रसिद्घ इन त्योहारों पर इस बार बाहर की बनी वस्तुओं पर निर्भर रहना ठीक नहीं, जितना संभव हो सके घर पर ही इसे बनाएं और एक-दूसरे से खुशियाँ बाँटें। बाहर से आने वाली वस्तुएं न जाने कितने हाथों से होकर घर तक पहुँचती हैं, ऐसे में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, त्योहार का रंग भंग न होने पाए, इसलिए जरूरी है कि इन छोटे-छोटे उपायों पर पूरा ध्यान रखें।

मास्क या टिश्यू पेपर को बंद डस्टबिन में ही डालें : किसी धार्मिक आयोजन में शामिल होने के लिए अगर जा भी रहे हैं तो ध्यान रहे कि वहां कोरोना से सुरक्षित रहने के लिए हर किसी का स्वस्थ स्वास्थ्य व्यवहार को अपनाना बहुत जरूरी है। सार्वजनिक स्थलों पर खासकर खांसते-छींकते समय मुंह व नाक को रुमाल या टिश्यू पेपर से अवश्य ढक लें और टिश्यू या मास्क को बंद डस्टबिन में ही डालें और हाथों को साबुन-पानी या सेनेटाइजर से स्वच्छ कर लें।

यात्रा के दौरान रखें जरूरी ख्याल : त्योहारों पर अपने घर या रिश्तेदार के यहाँ जा रहे हैं तो सार्वजनिक वाहनों से यात्रा के दौरान विशेष सावधानी बरतें। यात्रा के दौरान मास्क से नाक और मुंह को अच्छी तरह से ढककर रखें। एक दूसरे से उचित दूरी बनी रहे, बस-ट्रेन की खिड़की आदि को अनावश्यक छूने से बचें, सेनेटाइजर को जरूर पास रखें और हाथों की स्वच्छता बनाए रखें। यात्रा के दौरान बाहर का कुछ भी खाने-पीने से बचें।

शिव प्रताप सिंह सेंगर

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