काबुल। लंबे समय से आत्मघाती हमलों एवं बम विस्फोटों का दंश झेल रहे अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Kabul) की दुश्वारियां कम होती नहीं दिख रही। सर्दियों के मौसम में प्रदूषण ने भी यहां अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। काबुल वासियों को इनदिनों वायु प्रदूषण के रूप में गंभीर खतरे का सामना कर पड़ रहा है। यह शहर कई हफ्तों से जहरीली धुंध की गिरफ्त में है।
खतरनाक अतिसूक्ष्म कण हवा में मोटी चादर
सर्दियों से बचने के लिए लोगों द्वारा जलाये जा रहे कोयला, लकड़ी, टायर और कूड़ा जलाने से निकल रहे प्रदूषक तत्वों की मात्रा हवाओं में तेजी से बढ़ रही है। सुबह और शाम को तापमान के शून्य से नीचे चले जाने की वजह से प्रदूषण इस दौरान चरम पर रहता है। यहां सल्फेट एवं ब्लैक कार्बन जैसे जहरीले पदार्थों के साथ अन्य खतरनाक अतिसूक्ष्म कण (पर्टिकुलेट मैटर) हवा में मोटी चादर का रूप ले चुका है। जिससे दृश्यता का स्तर घट गया है और लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है।
श्वसन संक्रमणों से पीड़ित मरीजों का आंकड़ा 70 से 80 प्रतिशत
काबुल के इंदिरा गांधी बाल अस्पताल के एक चिकित्सक की माने तो पिछले कुछ सालों में हमारे 30 से 40 प्रतिशत मरीज घातक श्वसन संक्रमणों से पीड़ित रहे हैं। लेकिन इस साल यह आंकड़ा 70 से 80 प्रतिशत तक पहुंच गया है। राष्ट्रीय पर्यावरण सुरक्षा एजेंसी (एनईपीए) के पूर्व अधिकारी ने इस सर्दी के प्रदूषण को “जानलेवा” बताया है।