अमेरिका ने एक बार फिर भारत में कोविड वैक्सीन निर्माण में उपयोग होने वाले कच्चे माल के एक्सपोर्ट पर लगी पाबंदियों को हटाने से इनकार कर दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि हम भारत के आग्रह को पूरा करने से पहले अपने नागरिकों को प्राथमिकता देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी जनता के प्रति हमारी विशेष जिम्मेदारी है। भारत में बढ़ रहे कोरोना की सुनामी के बीच मदद की अपील के बावजूद मदद से इनकार करने के अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।
गौरतलब है कि यही अमेरिका जब गत वर्ष कोरोना वायरस के संक्रमण से सबसे अधिक पीड़ित था, तब भारत ने तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आग्रह पर हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की करोड़ों टेबलेट्स को एक्सपोर्ट किया था। मगर, अमेरिका ने पुराने उपकार को भूलते हुए मुसीबत के वक़्त में भारत के वैक्सीन प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए कच्चे माल के एक्सपोर्ट से इनकार कर दिया है।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा है कि निसंदेह यह सिर्फ हमारे हित में नहीं है कि अमेरिकी लोग वैक्सीनेट हों, बल्कि यह बाकी विश्व के लिए भी लाभकारी कदम है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकेन के साथ वैक्सीन के कच्चे माल को लेकर कई बार वार्ता की है। भारतीय विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने अमेरिकी उप सचिव वेंडी शेरमन के साथ भी पाबंदियों को हटाने का आग्रह किया है।