कोरोना वायरस महामारी के बीच, पालघर में अधिकारियों ने घातक क्रिमियन कांगो हैमरेज फीवर सीसीएचएफ या कांगों फीवर या बुखार को लेकर अलर्ट जारी किया है। ऐसा माना जा रहा है कि ये फीवर पशुओं से इंसानों में फैलता है। पशुपालन विभाग के डिप्टी कमिश्नर डा प्रशांत कांबले ने जानकारी दी कि गुजरात के कुछ हिस्सों में इस तरह के फीवर के कई मामले पाए गए हैं। अब इस फीवर के महाराष्ट्र के सीमावर्ती इलाकों में फैलने की आशंका है। पालघर गुजरात के क्लसाड जिले ले लगा हुआ है।
जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि ये खास तरह का वायरल किसी किट से एक जानवर से दूसरे जानवर में फैलता है। इसके बाद संक्रमित जानवरों के खून के संपर्क में आने या फिर ऐसे जानवरों के मांस को खाने से इंसानों में भी इस वायरल को पाया जा सकता है। जिला प्रशासन ने कहा कि कोरोना काल के दौरान पशुपालन विभाग के लिए यह एक और चिंता का विषय है।
कांगो फीवर की मृत्यु दर 10-40 फीसदी है और इसकी भी अभी तक कोई भी वैक्सीन नहीं बनी हुई है। जिला प्रशासन ने बताया कि सभी मीट विक्रेताओं को साफ-सफाई करने और मास्क और दस्ताने पहनने के लिए कहा गया है। इसके अलावा गुजरात सीमा से महाराष्ट्र सीमा में पशुओं को लाने पर उचित जांच के आदेश दिए हैं।
कांगो बुखार के लक्षण
-बुखार के साथ मांसपेशियों में दर्द होता है।
-आंखों में जलन, चक्कर आना जैसी दिक्कतें शुरू हो जाती हैं।
-पीठ दर्द, उल्टी के साथ गला बैठने जैसी समस्याएं।
-मुंह व नाक से खून आना।
-ऑर्गन फेलियर होने की संभावना।
बचाव
-सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है हींग
-कांगो फीवर से बचने के लिए खेतीबाड़ी और पशुओं के साथ काम करने वाले व्यक्तियों को टीक (पिश्शू/चींचड़ा) से एतिहात बरतने की जरूरत है।
-बचाव के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहनने के साथ ही जूते-मोजे भी पहनें।
-अगर कहीं गाय, भैंस, बकरी आदि के शरीर पर टीक लगा हुआ है तो बिना देर किए उसे तुरंत पशु चिकित्सालय में दिखाएं।