लखनऊ। देश की अग्रणी एफएमसीजी डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों में से एक एमवे इंडिया देश में गिग इकोनॉमी इकोसिस्टम को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। संगठन के पास एक वैश्विक A70 बहु-वर्षीय विकास रणनीति है, जो सामाजिक वाणिज्य के साथ उद्यमिता की शक्ति को प्राप्त करने पर केंद्रित है। इस बहु-वर्षीय विकास रणनीति के एक हिस्से के रूप में एमवे इंडिया ने गिग इकोनॉमी के उदय को एक प्रमुख वैश्विक रुख के रूप में पहचाना है। इसके तहत और भारतीय अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के लिए सहयोग करने के अपने प्रयासों के साथ एमवे इंडिया अपने डायरेक्ट सेलर्स के लिए विकास को सक्षम करने और उनकी लाभदायक, स्थायी सफलता के लिए व्यावसायिक उत्पादन के नए स्रोत निर्मित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
इस पर टिप्पणी करते हुए एमवे इंडिया के सीईओ अंशु बुधराजा ने कहा, “वर्तमान में भारत दुनिया के सर्वाधिक युवा आबादी वाले देशों में से एक है, जिसमें 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष या इससे कम आयु वाली है। हाल ही में एसोचैम की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की गिग इकोनॉमी 17 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है और 2023 तक इसके 455 अरब डॉलर की सकल मात्रा को छूने की संभावना है। जैसे-जैसे जॉब मार्केट एक संरचनात्मक बदलाव से गुजर रहा है, एमवे इंडिया ने अंडर-35आयु वर्ग द्वारा अपने व्यवसाय मॉडल में रुचि लेने संबंधी जबर्दस्त उछाल दर्ज किया है, जो अन्यथा गिग इकोनॉमी इकोसिस्टम में लचीली भूमिकाओं को चुनेंगे, जो कि मौजूदा अजीबोगरीब परिस्थितियों में तेजी से बढ़ रहा रुझान है। आज हमने अकेले दूसरी तिमाही में ही व्यावसायिक अवसर की खोज करने वाले लोगों में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी है,जिसमें से 64 प्रतिशत नए पंजीकरण अंडर-35 आयु वर्ग के अंतर्गत हैं, जो हमारे उत्पाद रेंज और व्यापार अवसर के प्रति एक मजबूत आत्मीयता दिखाते हैं। इसके अलावा एमवे के मौजूदा ग्राहकों में से 53 प्रतिशत अंडर-35 आयु वर्ग वाले हैं और हमारे उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का उपभोग करने को लेकर बेहद उत्सुक हैं। हम अपने डायरेक्ट सेलर्स को सफलता प्राप्त करने और निरंतर कुछ नया सीखने संबंधी पहलों एवं विश्व स्तरीय गुणवत्ता वाले उत्पादों के माध्यम से अपने व्यवसाय को विकसित करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
इसके अलावा एमवे इंडिया के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट-सेल्स अचिंता बनर्जी ने कहा, “ऐतिहासिक रूप से डायरेक्ट सेलिंग ने आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और यह उन लोगों के लिए पारंपरिक रोजगार के लिए एक विकल्प प्रस्तुत करती है, जो घरेलू आय की पूर्ति के लिए लचीले अवसर तलाश रहे होते हैं। आज जबकि पारंपरिक रोजगार परिदृश्य में व्यवधान देखा जा रहा है, इसलिए गिग इकोनॉमी एक विषमतापूर्ण रुख दर्ज कर रही है। यह वृद्धि संगठन के विशिष्ट बिजनेस मॉडल के कारण है, जो सदस्यों को निर्देशित उद्यमिता के माध्यम से अपने स्वयं के व्यवसाय को संचालित करने और आय का एक स्थिर स्रोत प्राप्त करने की अनुमति देता है। जैसे-जैसे भारतीय रोजगार परिदृश्य बड़े पैमाने पर बदलावों के दौर से गुजर रहा है, जिसके तहत घर से काम करना और काम करने के लचीले घंटे होना जरूरी रुझान बनते जा रहे हैं, ऐसे में गिग इकोनॉमी पसंदीदा मॉडल बनने के लिए एकदम तैयार है।”
डेलॉयट की ‘फ्यूचर ऑफ वर्क एक्सेलेरेटेड’ रिपोर्ट के अनुसार पूर्णकालिक कार्यबल पर निर्भरता कम करने के लिए पांच में से तीन संगठन (60 प्रतिशत) सूक्ष्म-उद्यमियों की बढ़ती हिस्सेदारी दर्ज कर रहे हैं। भारत में वर्तमान में सबसे गतिशील क्षेत्रों में से एक एफएमसीजी उद्योग सूक्ष्म-उद्यमियों में उछाल देख रहा है। एमवे ने उच्च स्तर की सोच और भागीदारी दर्ज की है, क्योंकि यह बेहतर प्रतिष्ठा, गुणवत्ता वाले उत्पाद और सेवाएं प्रदान करती है, जिन पर लोग विश्वास कर सकते हैं, साथ ही यह उनके लिए अपने जुनून और सामुदायिक भावना का पालन करने का अवसर भी है। उभरते रुख के साथ कदम मिलाते हुए।
आज उपभोक्ता की मांगों के मूल में समग्र कल्याण के साथ उपभोग की प्रवृत्ति में एक तीव्र बदलाव आया है। एमवे इंडिया अपनी नई श्रेणियों के लिए बढ़ी हुई प्राथमिकता देख रहा है, जिनमें न्यूट्रीलाइट ट्रेडिशनल हर्ब्स रेंज, प्रीमियम कुकवेयर और होम एंड कार एयर प्यूरीफायर उत्पाद शामिल हैं, जो उपभोक्ताओं द्वारा स्वास्थ्य और कल्याण समाधानों की बढ़ती मांग का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत सरकार की स्किल इंडिया पहल के अनुरूप एमवे इंडिया अपने डायरेक्ट सेलर्स की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए डिजिटल-फर्स्ट अप्रोच पर महत्वपूर्ण रूप से ध्यान केंद्रित कर रहा है, ताकि व्यवसाय वृद्धि को सुनिश्चित किया जा सके और बाजार में बेहतर रूप से प्रवेश को सक्षम बनाया जा सके, संभावित ग्राहकों तक पहुंच में सुधार लाया जा सके, उत्पाद सुलभता और ग्राहक के अनुभवों को भी बेहतर किया जा सके। एमवे अपने डायरेक्ट सेलर्स के लिए प्रशिक्षण, शिक्षा और डिजिटल टूल्स ऑफर करने में भी काफी निवेश कर रहा है। इसके तहत लॉकडाउन के बाद से लेकर अब तक एमवे ने 6000 से अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया है, जिनमें 9,00,000 से अधिक डायरेक्ट सेलर्स ने हिस्सा लिया है। हाल ही में लॉन्च किए गए डिजिटल टूल यानी एमवे बिजनेस ऐप, चैटबॉट ‘मायरा’ और अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म में सुधार से एमवे ने डायरेक्ट सेलर्स के लिए डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को और आसान कर दिया है।