श्राद्घ पक्ष में यमराज के न्याय के दर्शन लोगों को मध्यप्रदेश के उज्जैन में रामघाट स्थित धर्मराज मंदिर पर होते हैं। चोरी करने वाले को यमदूत उबलते हुए तेल के कढ़ाव में डालते हैं। रिश्वत लेने पर मगरमच्छ के आगे डाल दिया जाता है। झूठ बालने वाले मनुष्य को शूल चुभाए जाते हैं। यहां के पुजारी पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान करने आने वाले लोगों को यम का न्याय दिखाकर बुराई से दूर रहने की प्रेरणा देने के लिए कदम उठाते हैं। पितृकर्म कराने के बाद वे श्राद्घकर्ता को व्यसन मुक्ति का संकल्प भी दिलाते हैं।
पं.राकेश गुरु बताते हैं धर्मराज के दरबार में व्यक्ति के पापों का हिसाब होता है और उसे कर्मों के हिसाब से सजा मिलती है। पितृपक्ष में तीर्थ पर आने वाले लोगों को शास्त्रों में वर्णित दंड के बारे में चित्रों के माध्यम से बताया जा रहा है। श्राद्घ पक्ष में तीर्थ पर देश-विदेश से लोग आते हैं। इसलिए चित्र को मंदिर के मुख्य द्वार पर लगाया है।
दुर्लभ है यह मंदिर-
रामघाट स्थित धर्मराज का मंदिर दुर्लभ है। इसमें धर्मराज के साथ शिला पर 12 ज्योतिर्लिंग, 84 महादेव, 9 ग्रह, विष्णु के 24 अवतार एक ही छत के नीचे विराजमान हैं। भक्तों को एक साथ सभी के दर्शन हो जाते हैं।